चटनी पर कविता

चटनी पर कविता

चटनी लहसुन पीसना,लेना इसका स्वाद।
डाल टमाटर मिर्च को,धनिया रखना याद।।

अदरक चटनी रोज ले,भागे दूर जुकाम।
खाँसी सत्यानाश हो,करते रहना काम।।

चटनी खाना आम की,मिलकर के परिवार।
उँगली अपनी चाट ले,मुँह में आवे लार।।

चंद करेला पीसकर,खाना इसको शूर।
गुणकारी यह पेट का,रोग रहे सब दूर।।

इमली चटनी भात में,खाते मानव लोग।
दूर करे यह कब्ज को,भागे पाचन रोग।।

चटनी खाना नारियल,हड्डी खूब विकास।
पानी बढ़िया काम का,हो दूर जलन प्यास।।

पीस करौंदा चाट ले,दूर करे मधुमेह।
गुर्दे पथरी ठीक हो,अच्छा हरदम देह।।

नींबू रस खट्टा लगे,चटनी इसकी खास।
पेट दर्द आराम हो,सबको आवे रास।।

राजकिशोर धिरही

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