एक होनहार लड़का

एक होनहार लड़का


एक होनहार लड़का
सच्चा,त्यागी, ईमानदार।
उसके गुरु ने भी तालीम दी थी
सच बोलने की
त्याग करने की ।
ईमान निभाने की ।
पर सिखाना था
दो जून की रोटी जुटाने की शिक्षा ।
आज भी लड़का खड़ा है
बड़ी सच्चाई से भूख-प्यास त्यागकर ।
ईमानदारी से बेरोजगारों की कतार में।

मनीभाई नवरत्न

मनीभाई नवरत्न

यह काव्य रचना छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बसना ब्लाक क्षेत्र के मनीभाई नवरत्न द्वारा रचित है। अभी आप कई ब्लॉग पर लेखन कर रहे हैं। आप कविता बहार के संस्थापक और संचालक भी है । अभी आप कविता बहार पब्लिकेशन में संपादन और पृष्ठीय साजसज्जा का दायित्व भी निभा रहे हैं । हाइकु मञ्जूषा, हाइकु की सुगंध ,छत्तीसगढ़ सम्पूर्ण दर्शन , चारू चिन्मय चोका आदि पुस्तकों में रचना प्रकाशित हो चुकी हैं।

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