स्नेह का दीप पर कविता -डॉ एन के सेठी

स्नेह का दीप पर कविता

जगमग हो जाए हर कोना
हरेक चीज लगे अब सोना
हर दुख का हो जाय शमन
भर जाए खुशियों से दामन
अंधियारा जग से मिट जाए
एक स्नेह का दीप जलाए।।
          ???
विश्व में शांति का प्रसार हो
प्रेम और सद्भाव अपार हो
घर घर दीप करे उजियारा
बढ जायआपसी भाईचारा
चहुँ और चेतना फैल जाए
एक स्नेह का दीप जलाए।।
           ???
मन का हर कोना साफ करें
हम  इक दूजे को माफ करें
न भय आतंक का काम हो
अधर्म का  काम  तमाम हो
मिलकर हमअज्ञान मिटाएं
एक स्नेह का दीप जलाए।।
          ???
कर्म दीप करें  प्रज्ज्वलित
जनजन का मन हो हर्षित
हो  जाए  सफल हर काज
दीपोत्सव का करें आगाज
धर्मध्वजाअब सदा लहराए
एक स्नेह का दीप जलाए।।
          ???
अहंकार का हम करें विनाश
अंतस  में फैले ज्ञान प्रकाश
मिट जाए यह तम घनघोर
सुख समृद्धि फैले चहुँ और
हिय में प्रेम सुधारस बरसाए
एक स्नेह का दीप जलाए।।

???????

      ©डॉ एन के सेठी
कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *