फागुन में वर्षा होती है, बारिश की बूँदें वातावरण को स्वच्छ कर देती हैं तथा पूरा वातावरण सुंदर प्रतीत होता है। आसमान अत्यंत साफ़ सुथरा लगता है, प्रकृति में चारों तरफ़ हरियाली ही हरियाली होती है, वातावरण शीतल तथा शांत हो जाता है।
महाशिवरात्रि (Maha Shivratri), विजया एकादशी, होलिका दहन (Holika Dahan) आदि कई प्रमुख व्रत-त्योहार फाल्गुन माह में ही मनाए जाते हैं. कहा जा सकता है कि होली के पर्व के साथ ही एक सौर वर्ष का समापन होता है. सौर धार्मिक कैलेंडर में, फाल्गुन का महीना सूर्य के मीन राशि में प्रवेश के साथ शुरू होता है.
फागुन मास पर कविता
फागुन का मास।
रसिकों की आस।।
बासंती वास।
लगती है खास।।
होली का रंग।
बाजै मृदु चंग।।
घुटती है भंग।
यारों का संग।।
त्यज मन का मैल।
टोली के गैल।।
होली लो खेल।
ये सुख की बेल।।
पावन त्योहार।
रंगों की धार।।
सुख की बौछार।
दे खुशी अपार।।
वासुदेव अग्रवाल नमन