गरीबी पर कविता (17 अक्टूबर गरीबी उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर कविता )

गरीबी पर कविता

गरीबी तू इतना रूलाया न कर हमें
जो मर गये तो, कहाँ पे तेरा आसरा है?
मज़ाक उड़ाया सबके सामने कुछ यूँ
वाह भाई! अमीरों सा तेरा भी नखरा है?

?मनीभाई नवरत्न छत्तीसगढ़

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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  1. डिजेन्द्र कुर्रे कोहिनूर

    वाह वाह क्या बात सर जी

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