हाय यह क्या हो गया?- मनीभाई नवरत्न

हाय यह क्या हो गया?

हाय यह क्या हो गया?
महाभारत हो गया ।
हुआ कैसे?
एकमात्र दुर्योधन से!
किसका बेटा ?
अंधे धृतराष्ट्र का!
पट्टी लगाई आंखों में
पतिव्रता गांधारी का।
शायद कम गई दृष्टि इनकी,
उद्दंडता जो दुर्योधन ने की ।


असल कसूरवार कौन?
जिसने दुर्योधन को गढ़ा।
जीवन के महत्वपूर्ण घड़ियों में ,
जो सारे बुरे सबक को पढ़ा ।
दोषी वे सारे व्यवस्था हैं
जो देखती हैं सब कुछ ,
पर होती नहीं पीड़ा ,
ना प्रतिक्रिया ,ना कुछ ।


आज ही पल रहे हैं ,
किशोरों में कुछ दुर्योधन ।
जिन पर दृष्टि नहीं मां-बाप की,
चुंकि लगाई गई आंखों में
मोह की पट्टी ।
लेकिन दुर्योधन सबक ले रहा
अब भी सारे व्यवस्था से ।
फिर से होगा महाभारत
हम फिर बोलेंगे
हाय यह क्या हो गया ?

मनीभाई नवरत्न

मनीभाई नवरत्न

यह काव्य रचना छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बसना ब्लाक क्षेत्र के मनीभाई नवरत्न द्वारा रचित है। अभी आप कई ब्लॉग पर लेखन कर रहे हैं। आप कविता बहार के संस्थापक और संचालक भी है । अभी आप कविता बहार पब्लिकेशन में संपादन और पृष्ठीय साजसज्जा का दायित्व भी निभा रहे हैं । हाइकु मञ्जूषा, हाइकु की सुगंध ,छत्तीसगढ़ सम्पूर्ण दर्शन , चारू चिन्मय चोका आदि पुस्तकों में रचना प्रकाशित हो चुकी हैं।

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