हिन्दी दोहा मुक्तक : अहिंसा विषय

हिन्दी दोहा मुक्तक : अहिंसा विषय

mahatma gandhi

देख देश की दुर्दशा,गाँधी छेड़े युद्ध ।
सत्य अहिंसा मार्ग से, बनकर योगी बुद्ध।
आंदोलन की राह में, सत्य बना आधार।
मार खदेड़े शत्रु को, होकर भारी क्रुद्ध।।

छोड़ें हिंसा राह को, चलें अहिंसा राह ।
खून खराबा कृत्य से, हो जाएं आगाह।
हमें बचाना देश हैं, वार्ता करके संधि ।
हम रखवाले हैं वतन , रक्षा लक्ष्य निगाह।।

देखो हिंसा बढ़ रहा, दंगा और फसाद।
आड़ बना कर धर्म को, फैलाते हैं गाद।
भूल अहिंसा मार्ग को, भूलें खादी मान।
सूत्र बंधकर एकता, छोड़ें सभी विवाद। ।

सत्य अहिंसा धर्म है ,जीव दया का द्वार।
नहीं सताएँ जीव को, बनें सदा आधार।
ईश्वर अंशी है जगत, सबको दें सम्मान।
मानवता हिय में बसे , यही जगत का सार।।

पद्मा साहू “पर्वणी”
खैरागढ़ राजनांदगांव छत्तीसगढ़

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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