हमसफ़र पर कविता
प्यार का ओ एहसास हो,
हमसफ़र मेरा साथ हो।
कठिन रास्ते में निकला हूँ,
इस सफर में तू मेरा साथ हो।
ओ महफ़िल की रागिनी हो,
ओ संगीत की तू वादिनी हो।
दिल में बसे हो हमसफ़र,
अँधेरे में तू मेरी चाँदनी हो।
मेरी हर खुशी में तू साथ हो,
दिल से जुड़ी तू खास हो।
मेरे हमराही मेरे हमसफ़र,
सदा मेरे अंतस में वास हो।
सुख दुःख की साथी हो,
प्रेम की लंबी कहानी हो।
जीवन की इस डगर पर,
हमसफ़र मेरी रानी हो।
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रचनाकार-डिजेंद्र कुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभावना,बलौदाबाजार (छ.ग.)
मो. 8120587822