होली के बहाने ओ मोहना – केवरा यदु
होली के बहाने ओ मोहना
रंग लगाने की कोशिश न करना ।
बड़ा छलिया है तू ओ रंग रसिया ।
दिल चुराने की कोशिश न करना ।
बहुत भोले भाले बनते कान्हा
अब सताने की कोशिश न करना।
अभी आई हूँ कोरी चुनर ओढ़ के
तुम रंगाने की कोशिश न करना।
तेरे रंग में रंगी श्याम जन्मों से हूँ
तुम भुलाने की कोशिश न करना।
पास बैठो जरा देख लूँ जी भर
दूर जाने की कोशिश न करना ।
तेरी तिरछी नजर ने है जादू किया
अब रुलाने की कोशिश न करना।
रात आते हो सपने में ओ सांवरे
तुम जगाने की कोशिश न करना।
तेरे चरणों में श्याम मीरा कब से पड़ी।
ठुकराने की कोशिश न करना ।
होरी के बहाने ओ मोहना
रंग लगाने की कोशिश न करना ।
रंग लगाने की– होली है ।
केवरा यदु “मीरा “
राजिम कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद