जल से जीवन जगत चराचर

जल से जीवन जगत चराचर

जल पर कविता

जल से जीवन जगत चराचर
जल ही है जीवन और प्राण
जल बिन अस्तित्व नहीं कोई
हैं समक्ष  हमारे कई प्रमाण l


जीवन का कोई काज न ऐसा
जल बिन हो जाए जो पूरा
धरती की क्या बात करें
जल बिन अंबर भी है अधूरा l


जल ही मनुज जीवन आधार
जल ही प्रकृति का है सार
जल से ही चलती है सृष्टि
जल बिन जीवन का संहार l


जल अनमोल जीवन में हमारे
जल बिन वसुधा है ये सून
रहीम महिमा लिख गए
जल बिन न मोती मानुस  चून l


जल है अपरिसीम धरा पर
हर इक बूँद का फिर भी मोल
नीर ज़रुरत है पल पल की
नीर धरा पर है अनमोल l


नदी तालाब पोखर कुएँ  के 
जल का नहीं करें हम  दोहन
शुष्क है सब कुछ जल बिना
जल में  जीवन का सम्मोहन l


जल की महिमा त्रैलोक्य  में
जल है तो है ये सारा जहान
धरती जल या वर्षा जल हो
जल संरक्षण कार्य महान l


जल बचाओ जीवन बचाओ
जल से सिंचित सकल चराचर
जल नहीं तो कल नहीं होगा
जल से बरसे मेह धाराधर l


प्यास बुझाता प्यासे की जल
जल ही देता है  हरियाली
भावी  पीढ़ी  के लिए बचा लो
जीवन में रहेगी खुशहाली l

कुसुम लता  पुन्डोरा
आर के  पुरम
नई दिल्ली

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *