जनहरण घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’

घनाक्षरी छंद विधान: जनहरण घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’

जनहरण घनाक्षरी का विधान:–

  • ३१, वर्ण प्रति चरण
    ( ८८८७) १६,१५ पर यति
    चार चरण समतुकांत हो।
    प्रति चरण ३० वर्ण लघु और
    अंतिम वर्ण गुरु हो।

जनहरण घनाक्षरी का उदाहरण

प्रभु नटखट

चल पथ पनघट
निरखत जल घट
गिरधर नटखट
पटकत घट है।

भय भगदड़ तब
घर पथ लगि जब
छिपत रहत अब
गिरधर नट है

वन पथ छिप कर
दधि घट क्षत कर
झट पट चट कर
भग सरपट है।

सर तट तरु चढि
लखत लपक बढ़ि
वसन रखत दृढ़
प्रभु नटखट है।

. ++++++
©~~~~~~~~बाबूलालशर्मा *विज्ञ*

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *