गणपति को विघ्ननाशक, बुद्धिदाता माना जाता है। कोई भी कार्य ठीक ढंग से सम्पन्न करने के लिए उसके प्रारम्भ में गणपति का पूजन किया जाता है।
भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का दिन “गणेश चतुर्थी” के नाम से जाना जाता हैं। इसे “विनायक चतुर्थी” भी कहते हैं । महाराष्ट्र में यह उत्सव सर्वाधिक लोक प्रिय हैं। घर-घर में लोग गणपति की मूर्ति लाकर उसकी पूजा करते हैं।
गणेश चतुर्थी पर कविता
जय जय देव गणेश,विघ्न हर्ता वंदन है।
लम्बोदर शुभ नाम,शक्ति शंकर नंदन है।
सर्व सगुण की मूर्ति ,रिद्धि सिद्धि जगत मालिक।
अतुल ज्ञान भंडार,सुमंगल अति चिर कालिक।
सबके घमंड दूर कर,दिल में भरते तरलता।
इनके परम प्रताप से,मिले सदा सफलता।
✍ सुकमोती चौहान रुचि बिछिया,महासमुन्द,छ.ग।
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