किसान (कुण्डलिया)-मदन सिंह शेखावत

किसान (कुण्डलिया)

खेती खुशियो की करे, बोए प्रेम प्रतीत।
निपजाता मोती बहुत, सुन्दर आज अतीत।
सुन्दर आज अतीत,पेट कब वह भर पाता।
हालत बहुत खराब, दीन है अन्न प्रदाता।
कहे मदन करजोर, ध्यान कृषकों का देती।
होता वह सम्पन्न, करे खुशियो की खेती।।

मदन सिंह शेखावत ढोढसर

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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