कोरोना महामारी का कहर -अमिता गुप्ता
कोरोना महामारी ने
कैसा ये कहर बरसाया है,
चहुंओर अंधेरा ही छाया है!
कितने कुलदीपक बुझ ही गए,
कितने परिवार यूं उजड़ गए,
गर नहीं सचेते अब भी तो,
उठ सकता सिर से साया है,
चहुं ओर अंधेरा छाया है!
कहीं ऑक्सीजन की कमी हुई,
कहीं पल में सांसे उखड़ गई,
यह मृत्यु का तांडव रुके यही,
बेबसी से उबरें जल्द सभी,
रुक जाए महामारी अब बस,
जिसने चितकार मचाया है,
चहुंओर अंधेरा छाया है!
जहां लाड -प्यार हमें मिलता था,
वहीं दूर-दूर हम रहते हैं,
स्पर्श न कर सकते हैं उन्हें,
बरबस आंसू यह बहते हैं,
प्रभु अपने पल में बिछड़ रहे,
यह कैसा दिन दिखलाया है?
चहुंओर अंधेरा छाया है!
ईश्वर से प्रार्थना करती हूं,
महामारी को जल्दी निपटा दो,
दुख के बादल छंट जाए सभी,
आशा की किरण अब दिखला दो,
सब स्वस्थ रहें, खुशहाल रहें,
प्रार्थना में मेरी समाया है,
चहुंओर अंधेरा छाया है!
मेरी सबसे है अपील यही,
सब घर पर रहो और स्वस्थ रहो,
सब मास्क लगाओ और सभी,
सामाजिक दूरी का पालन करो,
मत करो अवहेलना नियमोें की,
इन्हे पालन करने का दिन आया है,
चहुंओर अंधेरा छाया है!
–✍️अमिता गुप्ता
सब स्वस्थ रहें खुशहाल रहें,
प्रार्थना में मेरी समाया है।
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
दुख के बादल छंट जाए सभी,
आशा की किरण अब दिखला दो,
सब स्वस्थ रहें, खुशहाल रहें,
प्रार्थना में मेरी समाया है,
बहुत ही सुंदर रचना।🙏
Mask lgao samajik duri ka paln kro…..
Sbhi niymo ka paln krke hm is pandemic ko phailne se rok skte hain.
जहां लाड -प्यार हमें मिलता था,
वहीं दूर-दूर हम रहते हैं,
स्पर्श न कर सकते हैं उन्हें,
बरबस आंसू यह बहते हैं,
👌👌👌