करो लोकहित तुम मनुज जब तक तन में प्रान
देश सदा उन्नति करे ,
मन में लेना ठान ।
करो लोकहित तुम मनुज ,
जब तक तन में प्रान ।।
है स्वतंत्र यह देश है ,
बनो नहीं अंजान ।
निर्भर होना छोड़ तू,
इसकी बन पहचान ।।
जाति-पाति के भेद से ,
रहो सदा ही दूर ।
एक देश के लाल हो ,
होना मत मजबूर ।।
देश तिरंगा नित लहर ,
भारत विजय महान ।
जो कुर्बानी दे गये ,
उनके गौरव जान ।
मनोरमा चन्द्रा रायपुर
ये देश बनता है….- देशभक्ति पर अद्भुत कविता