नन्हे बहादुर-लाल बहादुर शास्त्री जी

नन्हे बहादुर-लाल बहादुर शास्त्री जी दोहा छंद

सदी बीस प्रारंभ में, चलती चौथी साल।
दो अक्टूबर को लिए, जन्म बहादुर लाल।।

जन्मे मुगल सराय में, वाराणसी सनेह।
राम दुलारी मात थी, पिता शारदा गेह।।

बचपन में गुजरे पिता, पले बढ़े ननिहाल।
निर्धनता का सामना, करते पढ़ते लाल।।

फिर चाचा के पास में, पहुँचे मुगलसराय।
शिक्षा मे रह अग्रणी, लाल रहे कृषकाय।।

ले उपाधि शास्त्री बने, कृपा रही बस ईश।
काशी विद्या पीठ से, सन चलते छब्बीस।।

ललिता जी के संग में, इनका हुआ विवाह।
गाँधी से प्रेरित हुए, बाल तिलक की राह।।

स्वतंत्रता के हित किया, कांग्रेसी दल मेल।
आन्दोलन के पंथ पर, रहे भुगतते जेल।।

आजादी के बाद में, कर के सक्रिय यत्न।
कई पदों पर रह चुका, भारत भू का रत्न।।

महा सचिव कांग्रेस के, इक्यावन की साल।
देश और दल हित करे, काम बहादुर लाल।।

सन बावन में तब बने, मुखिया मंत्री रेल।
जनता से रखते रहे, सदा आत्ममय मेल।।

सन सत्तावन में बने, फिर मंत्री संचार।
निज कर्तव्य निबाह में, रखते शिष्टाचार।।

वे फिर से मंत्री बने, सँवरे बहु उद्योग।
देश संग वाणिज्य में, अद्भुत था संयोग।।

सन इकसठ में दे दिया, नेहरु जी नव भार।
गृह मंत्री बन के किए, शास्त्री बहुत सुधार।।

सन चौंसठ की जून में, नवे दिवस की बात।
वीर जवाहर लाल को, हुआ मृत्यु आघात।।

देश हितैषी योग्य थे, सबने कहा सहर्ष।
चुन प्रधान मंत्री लिए, नन्हे हित उत्कर्ष।।

श्वेत क्रांति वह दूध हित, किए बहादुर लाल।
हरित क्रांति से अन्न का, भोगें नहीं अकाल।।

किए रूस से मित्रता, देश हेतु अनुबंध।
सेना और किसान हित, शासन संग प्रबंध।।

सन पैंसठ में पाक से, ठना सरासर युद्ध।
सेना को तब छूट दी, हुए बहादुर क्रुद्ध।।

धूल चटाई पाक को, लिया युद्ध जब जीत।
रण रुकवाया रूस ने, जो था तब नवमीत।।

संधि हेतु तब रूस में, पहुँचे भारत- पाक।
ताशकंद की संधि में, लगे कपट को ताक।।

वर्ष छियाँसठ जनवरी, एकादस दिन मान।
ताशकंद की भूमि पर, तजी बहादुर जान।।

जय जवान के नाद से, गूँजा हिन्दुस्तान।
जय किसान गूँजे तभी, शास्त्री के सम्मान।।

सादा जीवन वे जिए, रख के उच्च विचार।
देश धरा हितकर्म वे, करके विविध प्रकार।।

विजय घाट पर सो रहा, वह नन्हा सरदार।
बार बार जन्मे कहाँ, ऐसा जन किरदार।।

मृत्यु बाद इनको किया, भारत रत्न प्रदान।
कोटि कंठ कहने लगे, जय जय हिंदुस्तान।।

शर्मा बाबू लाल भी, करता इन्हे प्रणाम।
लाल बहादुर से भले, भारत पूत सुनाम।।

बाबू लाल शर्मा, बौहरा, विज्ञ
निवासी – सिकंदरा, जि. दौसा
राजस्थान ३०३३२६

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