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Tag: #बाबूलाल शर्मा बौहरा

  • प्रियतम पर कविता

    प्रियतम पर कविता

    प्रियतम कितने प्यारे हो प्रियतम कितने प्यारे हो,मेरी आँखों से पूछो।पढ़ लो इन अँखियों में बस एक नजर देखो।बसे हो श्वांस श्वांस में न बिछुडे…

  • सावन पर कविता

    सावन पर कविता

    सावन-सुरंगा सरस-सपन-सावन सरसाया ।तन-मन उमंग और आनंद छाया ।‘अवनि ‘ ने ओढ़ी हरियाली ,‘नभ’ रिमझिम वर्षा ले आया । पुरवाई की शीतल ठंडक ,सूर्यताप की…

  • नारी पर कविता

    नारी पर कविता

    स्त्री पर कविता ( Stree Par Kavita ): चैत्र नवरात्रि हिन्दु धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है। चैत्र नवरात्रि चैत्र (मार्च अप्रेल के महीने) में मनाई जाती है, इसे चैत्र…

  • पिता पर कविता (Pita Par Kavita)

    पिता पर कविता (Pita Par Kavita)

    फादर्स डे पिताओं के सम्मान में एक व्यापक रूप से मनाया जाने वाला पर्व हैं जिसमे पितृत्व (फादरहुड), पितृत्व-बंधन तथा समाज में पिताओं के प्रभाव…

  • विश्व बाल दिवस पर कविता

    विश्व बाल दिवस पर कविता

    विश्व बाल दिवस पर दोहा:- बाल दिवस पर विश्व में,हों जलसे भरपूर!बच्चों का अधिकार है,बचपन क्यों हो दूर!!१ कवि , ऐसा साहित्य रच,बचपन हो साकार!हर…

  • करवाचौथ पर हिंदी कविता

    करवाचौथ पर हिंदी कविता

    करवाचौथ पर हिंदी कविता- करवा चौथ हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह भारत के जम्मू, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और…

  • हिन्दी की महत्ता पर कविता

    हिन्दी की महत्ता पर कविता

    हिन्दी की महत्ता पर कविता – मानव जाति अपने सृजन से ही स्वयं को अभिव्यक्त करने के तरह-तरह के माध्यम खोजती रही है। आपसी संकेतों…

  • शुभ्र शरद पूर्णिमा – बाबूलाल शर्मा

    शुभ्र शरद पूर्णिमा – बाबूलाल शर्मा

    शुभ्र शरद पूर्णिमा – बाबूलाल शर्मा शुभ्र शरद शुभ पूर्णिमा, लिए शीत संकेत।कर सोलह शृंगार दे, चंद्र प्रभा घर खेत।। दक्षिण पथ रवि रथ चले,…

  • दोहा मुक्तक-बापू पर कविता

    दोहा मुक्तक-बापू पर कविता

    दोहा मुक्तक-बापू पर कविता सदी वही उन्नीसवीं, उनहत्तर वीं साल।जन्मे मोहन दास जी, कर्म चंद के लाल।बढ़े पले गुजरात में, पढ़ लिख हुए जवान।अरु पत्नी…

  • अब तो मन का रावण मारें(१६ मात्रिक गीत)

    अब तो मन का रावण मारें(१६ मात्रिक गीत)

    अब तो मन का रावण मारें (१६ मात्रिक गीत) बहुत जलाए पुतले मिलकर,अब तो मन का रावण मारे। जन्म लिये तब लगे राम से,खेले कृष्ण…