मीत बना कर लो रख हे गिरधारी/गीता द्विवेदी

goverdhan shri krishna

मीत बना कर लो रख हे गिरधारी (1) आकर देख जरा अब हालत मैं दुखिया बन बाट निहारी।श्यामल रूप रिझा मन मीत बना कर लो रख हे गिरधारी।काजल नैन नहीं टिकता गजरा बिखरे कब कौन सँवारी।चाह घनेर भयो विधि लेखन टारन को अड़ते बनवारी।। (2) कातर भाव पुकार रही हिरणी प्रभु आकर प्राण बचाओ।नाहर घेर … Read more

कुछ चिन्ह छोड़ दें -गीता द्विवेदी

कुछ चिन्ह छोड़ दें -गीता द्विवेदी मृत्यु आती है ,सदियों से अकेले ही ,बार – बार , हजार बारलाखों , करोड़ों , अरबों बार ।पर अकेले जाती नहीं ,ले जाती है अपने साथ ,उन्हें , जिन्हें ले जाना चाहती है । एक , दो या हजारकुछ भयभीत रहते हैं ,उसके नाम से , उसकी छाया … Read more

नारी पर कविता

स्त्री पर कविता ( Stree Par Kavita ): चैत्र नवरात्रि हिन्दु धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है। चैत्र नवरात्रि चैत्र (मार्च अप्रेल के महीने) में मनाई जाती है, इसे चैत्र नवरात्रि कहा जाता है। नवरात्रि में दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-आराधना की जाती है। चूकी दुर्गा माँ भी एक स्त्री है तो नारी शक्ति पर एक कविता नारी पर सुन्दर कविता आँखों   … Read more

बारिश पर कविता हिन्दी में

बारिश पर कविता हिन्दी में

यहां बारिश पर कविता हिन्दी में दिए जा रहे हैं आप इनको पढ़के आनंद लें। बारिश का मौसम सर सर सरसराता समीरचम चम चमकती चपलाथम थम कर टपकती बूँदेंअनेक सौगात लाती बहारेंप्रेम का, खुशियों काबारिश के मौसम का। घनश्याम घिरे नभ घन मेंहरित धरा राधे की आँचलघनघोर बरसता पानी मध्य मेंलगता ज्यों खीर सागर बीच … Read more

गीता द्विवेदी की शानदार कविता

गीता द्विवेदी की शानदार कविता अलाव कभी-कभी जिंदगीअलाव जैसी धधकती हैउसमें हाथ सेंकते हैंअपने भी पराए भीबुझने से बचाने कीसबकी कोशिश रहती है,डालते रहते हैं,लकड़़ियाँ पारी-पारी,कितना अजीब है ना!न आग न धुआँपर जिंदगी तो जलती है,सभी को पता है।क्योंकि कभी न कभी,सभी को इसका अनुभव हुआ है।कोई राख हो जाता है,कोई कुन्दन,और तब…..हाथ सेंकने वाले,दूर … Read more