मीत बना कर लो रख हे गिरधारी/गीता द्विवेदी
मीत बना कर लो रख हे गिरधारी (1) आकर देख जरा अब हालत मैं दुखिया बन बाट निहारी।श्यामल रूप रिझा मन मीत बना कर लो रख हे गिरधारी।काजल नैन नहीं टिकता गजरा बिखरे कब कौन सँवारी।चाह घनेर भयो विधि लेखन टारन को अड़ते बनवारी।। (2) कातर भाव पुकार रही हिरणी प्रभु आकर प्राण बचाओ।नाहर घेर … Read more