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प्रियतम पर कविता

प्रियतम कितने प्यारे हो


प्रियतम कितने प्यारे हो,मेरी आँखों से पूछो।
पढ़ लो इन अँखियों में बस एक नजर देखो।
बसे हो श्वांस श्वांस में न बिछुडे जन्मसात में,
आरजू है मेरी ,रखें निज हाथ,हाथ में।


है नेह तुमसे कितना , कैसे तुम्हें बताऊँ ।
धड़कन में तुम बसे, दिल चीर कर दिखाऊँ।
मेंहदी से रचो हाथ मे,बिंदी से सजो माथ में।
बसे हो श्वांस श्वांस में,न बिछुडे जन्मसात में,


मांगा जो मैंने विधि से,वैसा सजना है पाया।
मेरे प्राण मेरे साथी,बस मेरे मन है भाया।
जियेंगे साथ साथ में,लेकर हाथ हाथ में।
बसे हो श्वांस श्वांस में न बिछुडे जन्मसात में

तुम्ही मेरी खुशियाँ हो,तुम्ही मेरी बन्दगी हो।
पलकों में छुपाया है,तुम्ही मेरी जिन्दगी हो।
रहना नैनों के पास में,मिले हो सौगात में ।
बसे हो श्वांस श्वांस में न बिछुडे जन्मसात में

आरजू है दिल की, जब जब जनम मिले ।
मेरे मीत संग मुझको सौ सौ जनम मिले।
रहें खुश साथ साथ में,हँसे मेरी बात बात में।
बसे हो श्वांस श्वांस में न बिछुडे जन्मसात में
बसे हो — – – –

केवरा यदु “मीरा “
राजिम (छ0ग)

जन्मदिन प्रियतम का

प्रियतम प्राण अधार है,सुरसरगम सब साज।
जन्मदिवस पे मैं करूँ,ये रुचि का शुभकाज।

पावन पुन्य पुनीत पल,प्रणय प्रीत प्रतिपाल।
जन्मदिवस है आपका,प्रियतम हो खुशहाल।

प्रिय पत्नी प्रण पालती, प्राणनाथ पतिसंग।
जन्मदिवस जुग जुग जपूँ,रहे सुहाग अभंग।।

प्रियतम पाती प्रेमरस, पाइ पठाई पंथ।
जागत जोहू जन्मदिन,जगत जनाऊँ कंत।।

जनमे जग जो जानिए, जन्मदिवस जगभूप।
प्रिय परिजन परिवार पर,प्यार प्रेम प्रतिरूप।

जन्म दिवस शुभकामना, कैसे कहूँ विशेष।
प्रियतम मैं तुझ में रहूँ, मेरे मनज महेश।।

सत फेरे सातों वचन ,दोहे सात बनाय।
सात बार न्यौछार दूँ,सात जन्म पिवपाय।।

बाबू लाल शर्मा “बौहरा” विज्ञ

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