श्रीकृष्ण पर कवितायें- जन्माष्टमी पर्व विशेष
श्रीकृष्ण पर कवितायें Shri Krishna हठ कर बैठे श्याम, एक दिन मईया से बोले।ला के दे-दे चंद्र खिलौना चाहे तो सब ले-ले।हाथी ले-ले, घोड़ा ले-ले, तब मईया बोली।कैसे ला दूं…
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०आशीष कुमार के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
श्रीकृष्ण पर कवितायें Shri Krishna हठ कर बैठे श्याम, एक दिन मईया से बोले।ला के दे-दे चंद्र खिलौना चाहे तो सब ले-ले।हाथी ले-ले, घोड़ा ले-ले, तब मईया बोली।कैसे ला दूं…
चमकते सितारे नन्हे नन्हे और प्यारे प्यारेआसमान में चमकते सितारेदेखा दूर धरती की गोद सेलगता पलक झपकाते सारे ऊपर कहीं कोई बस्ती तो नहींजहाँ के चिराग दिखाएँ नजारेउड़ा ले गया…
दिवाली / दीपावली पर कविता (Poem on Diwali in Hindi) : भगवान श्रीराम जब लंका के राजा रावण का वध कर पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस…
स्त्री पर कविता ( Stree Par Kavita ): चैत्र नवरात्रि हिन्दु धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है। चैत्र नवरात्रि चैत्र (मार्च अप्रेल के महीने) में मनाई जाती है, इसे चैत्र नवरात्रि कहा जाता है। नवरात्रि में दुर्गा के…
यहाँ पर वीणापाणि सरस्वती पर हिंदी में कविता लिखी गयी है जिसमे कवि ने माँ सरस्वती का गुणगान किया है. सरस्वती माँ वीणापाणि सरस्वती पर हिंदी में कविता हे वीणापाणि…
बनारस पर कविता - आशीष कुमार आशीष कुमार जब आँख खुले तो हो सुबह बनारसजहाँ नजर पड़े वो हो जगह बनारसरंग जाता हूँ खुशी खुशी इसके रंग में मैंझूम कर…
मन की व्यथाइस निर्मोही दुनिया मेंकूट-कूट कर भरा कपटकहाँ फरियाद लेकर जाऊँ मैंकिसके पास लिखाऊँ रपटजिसे भी देखो इस जहाँ मेंभगा देता है मुझे डपटशांति नहीं अब इस जीवन मेंकहाँ…
मन की व्यथा इस निर्मोही दुनिया में कूट-कूट कर भरा कपट कहाँ फरियाद लेकर जाऊँ मैं किसके पास लिखाऊँ रपट जिसे भी देखो इस जहाँ में भगा देता है मुझे…
मैं भी सांता क्लॉज क्रिसमस डे को सुबह सवेरे मैं भी निकला बन ठन कर सांता क्लॉज के कपड़े पहन चलने लगा झूम झूम कर पीठ पर लिया बड़ा सा…
चली चली रे रेलगाड़ी छुक छुक छुक छुक छुक छुक छुक छुक झटपट बना ली गाड़ी चली चली रे देखो चली रेलगाड़ी रेलगाड़ी देखो बच्चों की निकली सवारी देखो बच्चों…