सावन के दोहे
सावन के दोहे बारिश की यादें लिए , सिसके सावन देख ।वर्णन करना चाहता , काव्य सजा कवि लेख ।। बीत रहा चौमास है , नीर बिना बेहाल ।कहीं-कहीं वर्षा अधिक , संग उतारे काल ।। रूठा सावन कह रहा , मैं जीवन पट चीत ।कोई क्रंदन कर रहा , कोई गाता गीत ।। साजूँ … Read more