श्रीकृष्ण पर कवितायें- जन्माष्टमी पर्व विशेष
श्रीकृष्ण पर कवितायें Shri Krishna हठ कर बैठे श्याम, एक दिन मईया से बोले।ला के दे-दे चंद्र खिलौना चाहे तो सब ले-ले।हाथी ले-ले, घोड़ा ले-ले, तब मईया बोली।कैसे ला दूं…
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर० सुशी सक्सेना’ के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
श्रीकृष्ण पर कवितायें Shri Krishna हठ कर बैठे श्याम, एक दिन मईया से बोले।ला के दे-दे चंद्र खिलौना चाहे तो सब ले-ले।हाथी ले-ले, घोड़ा ले-ले, तब मईया बोली।कैसे ला दूं…
कवि और कविता/ सुशी सक्सेना कवि देह है तो उसके प्रान है, कविता।कवियों के सपनों की जान है, कविता। भोर की पहली किरण सा कवि,तो उसका उजाला है, कविता,मस्त मतवाला…
हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा है। 14 सितम्बर, 1949 के दिन संविधान निर्माताओं ने संविधान के भाषा प्रावधानों को अंगीकार कर हिन्दी को भारतीय संघ की राजभाषा के रूप में मान्यता…
इश्क पर कविता -सुशी सक्सेना इश्क के आगे कलियों की तरूणाई फीकी है।इश्क में तो हर इक शय जी लेती है।इश्क से आसमां की ऊंचाई झुक जाती है।इश्क में नदियों…
कांटों भरा हो या फूलों भरा, जारी ये सफ़र रखना,कदम जमीं पर हो, मगर आसमां पर नजर रखना।मुश्किलों भरीं हैं, ये राहें जिंदगी की, ऐ साहिबचैन न मिले तो उलझनों…
. नई भोर हुई - सुशी सक्सेनानई भोर हुई, नई किरन जगी।भूमि ईश्वर की, नई सृजन लगी।नई धूप खिली, नई आस पली,ओढ़ के सुनहरी चुनरी प्रकृति हंसी,नया नया सा आकाश…
कविता संग्रह पाती एक लिखी है बापू के नाम पाती एक लिखी है, हमने प्यारे बापू के नाम।सभांल के रखना इस देश को अब हमारा काम। सत्य अहिंसा की ज्वाला…
बेटी पर कविता - सुशी सक्सेना मेरी बिटिया, मेरे घर की शान है।मेरे जीने का मकसद, मेरी जान है। पता ही न चला, कब बड़ी हो गई,मेरी बिटिया अपने पैरों…
दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी…
इंदौर मध्यप्रदेश से आदरणीया सुशी सक्सेना द्वारा रचित अति पर कविता यहां पर प्रस्तुत है