Tag: #सुशी सक्सेना
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मां का स्पर्श -सुशी सक्सेना
मां का स्पर्श -सुशी सक्सेना न दवा काम आई, और न दुआ काम आईजब भी जरूरत पड़ी तो, मां काम आईमां का स्पर्श होता है,…
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इश्क पर कविता -सुशी सक्सेना
इश्क पर कविता -सुशी सक्सेना इश्क के आगे कलियों की तरूणाई फीकी है।इश्क में तो हर इक शय जी लेती है।इश्क से आसमां की ऊंचाई…
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लक्ष्य पर ग़ज़ल – सुशी सक्सेना
कांटों भरा हो या फूलों भरा, जारी ये सफ़र रखना,कदम जमीं पर हो, मगर आसमां पर नजर रखना। मुश्किलों भरीं हैं, ये राहें जिंदगी की,…
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नई भोर हुई – सुशी सक्सेना
. नई भोर हुई – सुशी सक्सेना नई भोर हुई, नई किरन जगी।भूमि ईश्वर की, नई सृजन लगी। नई धूप खिली, नई आस पली,ओढ़ के…
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पाती एक लिखी है बापू के नाम
पाती एक लिखी है बापू के नाम पाती एक लिखी है, हमने प्यारे बापू के नाम।सभांल के रखना इस देश को अब हमारा काम। सत्य…
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बेटी पर कविता – सुशी सक्सेना
मेरी बिटिया मेरी बिटिया, मेरे घर की शान है।मेरे जीने का मकसद, मेरी जान है। पता ही न चला, कब बड़ी हो गई,मेरी बिटिया अपने…
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दुर्गा मैया पर कविता – सुशी सक्सेना
दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी…
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हिंदी हमारी भाषा – सुशी सक्सेना
हिंदी हमारी भाषा युगों-युगों से पूजी जाती, हिंदी हमारी मातृभाषा।भारत देश के माथे की बिंदी, हमारी राष्ट्रभाषा।अंग्रेजों को मार भगाया, फिर भी रह गई अंग्रेजी।हिंदी…
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श्रीकृष्ण पर कवितायें- जन्माष्टमी पर्व विशेष
श्रीकृष्ण पर कवितायें हठ कर बैठे श्याम, एक दिन मईया से बोले।ला के दे-दे चंद्र खिलौना चाहे तो सब ले-ले।हाथी ले-ले, घोड़ा ले-ले, तब मईया…
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अति पर कविता – सुशी सक्सेना
इंदौर मध्यप्रदेश से आदरणीया सुशी सक्सेना द्वारा रचित अति पर कविता यहां पर प्रस्तुत है