पाती एक लिखी है बापू के नाम

mahatma gandhi
कविता संग्रह

पाती एक लिखी है बापू के नाम

पाती एक लिखी है, हमने प्यारे बापू के नाम।
सभांल के रखना इस देश को अब हमारा काम।

सत्य अहिंसा की ज्वाला जो दिल में जलाई है।
बुझने न दी हमने लौ को, आंधी तो खूब आई है।
भेदभाव कभी न रखेंगे, कभी न करेंगे क्रोध।
तेरे आदर्शों पर चलेंगे, न करेंगे कोई बुरा काम।

संघर्ष किया तुमने, तब जाके हुए हम आजाद।
तेरे त्याग को हरगिज, हम न होने देंगे बर्बाद।
देश ये सारा हरदम, करता रहेगा तुझको याद।
साबरमती के संत, तुम्हें मेरा है शत शत प्रणाम।

गांधी जी के तीन बंदर, देते हमको ये संदेश।
बुरा न बोलो, बुरा न सुनो, भाई बुरा मत देख।
सुंदर और स्वच्छ भारत, बापू का था सपना।
तैयार हैं हम करने को बापू का सपना साकार।

दुबली पतली काया थी, फिर भी चलते सीना तान।
मिट गए गांधी जी, पर न मिटने दी तिरंगे की शान।
सादा जीवन था उनका, थे आप देश का अभिमान।
तेरे जैसे हम भी बनेंगे, भारत माता की वीर संतान।

आशीर्वाद तेरा रहा तो मुश्किलें हो जाएंगी नाकाम।
संभाल कर रखना इस देश को अब हमारा काम।

सुशी सक्सेना

सुशी सक्सेना

यह काव्य संकलन उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में अवतरित लेखिका सुशी सक्सेना के सहयोग से हो पाई है । अभी आप इंदौर मध्यप्रदेश में हैं । अभी आप अवैतनिक संपादक और कवयित्री के रूप में kavitabahar.com में अपना सेवा दे रही है। आपकी लिखी शायरियां और कविताएं बहुत सी मैगजीन और न्यूज पेपर में प्रकाशित होती रहती हैं। मेरे सनम, जिंदगी की परिभाषा, नशा कलम का, मेरे साहिब, चाहतों की हवा आदि पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।

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