गेय कविता फिर क्या दूर किनारा कविता बहार Dec 20, 2023 फिर क्या दूर किनारात्याग प्रेम के पथ पर चलकरमूल न कोई हारा।हिम्मत से पतवार सम्भालोफिर क्या दूर किनारा।हो…
गेय कविता हम जैसे चलते हैं तुम भी चलो ना कविता बहार Dec 20, 2023 हम जैसे चलते हैं , तुम भी चलो ना।हम जैसे रहते हैं , तुम भी रहो ना। ।बहती हुई नदियां देखो , कल-कल बहती है…