वतन का नमक
वतन का नमक इस जहां से सुकून,हमने कभी पाया तो हैचमन का कोई गुल,हिस्से मेरे आया तो है लफ़्ज मेरे लड़खड़ाये,सामने तूफां पाकरफिर भी तरन्नुम में , गीत कोई गाया…
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०धर्मेन्द्र कुमार सैनी के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
वतन का नमक इस जहां से सुकून,हमने कभी पाया तो हैचमन का कोई गुल,हिस्से मेरे आया तो है लफ़्ज मेरे लड़खड़ाये,सामने तूफां पाकरफिर भी तरन्नुम में , गीत कोई गाया…
स्त्री पर कविता ( Stree Par Kavita ): चैत्र नवरात्रि हिन्दु धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है। चैत्र नवरात्रि चैत्र (मार्च अप्रेल के महीने) में मनाई जाती है, इसे चैत्र नवरात्रि कहा जाता है। नवरात्रि में दुर्गा के…