मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 10
1
मानवाधिकार
जब जग ने जाना
राष्ट्र संयुक्त।
2
वैश्विक ताप
संकट में है राष्ट्र
सुधरो आप।
3
विश्व की शांति
पृथ्वी की सुरक्षा
आतंक मिटा।
4
अस्त्र की होड़
विकास या विनाश
अंधे की दौड़।
5
भारत आया
रंग भेद खिलाफ
संसार जागा।
6
चुनौती देता
पर्यावरण रक्षा
हे राष्ट्र!जुड़ो।
7
“मैं” और “तुम”
खींच गई लकीर
चलो “हम” हों।
8
अस्त्र होती है
हिंसा की प्रतिमूर्ति
लेती हैं शांति।
9
अस्त्र करती
हिंसा प्रतिबाधित
देती हैं शांति।
10
धर्म संकट
अंधायुग में ज्योति
युयुत्सु गति।
11
आत्महत्याएं
है असमाजिकता
संभल जाओ।
12
हैं आत्महत्या
समाजिक बंधन
घातक रोग।
13
अनिच्छा जीना
निरूद्देश्य घूमना
ज्यों आत्मघात।
14
गिद्ध विलुप्त~
मानव ने धर ली
उनका रूप।
हाइकु: बाजरा
15
किसान खु्श~
निकले फूलझड़ी
बाजरा बाली।
✍मनीभाई”नवरत्न”
16
बाजरा खड़ी~
पोषण भरपूर
पके खिचड़ी।
✍मनीभाई”नवरत्न”
17
पोषण भरी~
बाजरे की रोटियां
कैल्शियम से।
✍मनीभाई”नवरत्न”
हाइकु : रसभरी
18/
मीठी गोलियां~
पेट को लाभ देती
रसभरियां।
✍मनीभाई”नवरत्न”
19/
बेवफा नहीं~
रसभरी होठों से
चूमे चिठ्ठियां।
✍मनीभाई”नवरत्न”
20/
मीठी व प्यारी~
रूह को मिठास दे
ये रसभरी।
✍मनीभाई”नवरत्न”
हाइकु : नागफनी
21/
विषम दशा~
साहसी नागफनी
जीके दिखाता।
*,✍मनीभाई”नवरत्न”*
22/
जुदा कुरूप~
गमला में सजता
मैं नागफनी।
*,✍मनीभाई”नवरत्न”*
23/
कंटीला बन
वजूद से लड़ता
ज्यों नागफनी।
*,✍मनीभाई”नवरत्न”*
24/
जालिका वस्त्र~
शूल बना श्रृंगार
नागफनी की।
*,✍मनीभाई”नवरत्न”*
25/
हाथ बढ़ाता~
डसता नागफनी
फन उठाके।
*,✍मनीभाई”नवरत्न”*
हाइकु : सीप
26/
दर्द उत्पत्ति~
रेत मोती में ढले
अद्भुत सीप।
27/
बादल सीप~
तेज आंधी के साथ
गिराये मोती।
✍मनीभाई”नवरत्न”
शीत प्रकोप – मनीभाई नवरत्न
धुंधला भोर
कुंहरा चहुं ओर
कुछ तो जला.
जाने क्या हुई बला
क्या हुआ रात?
कोई बताये बात।
ख़ामोश गांव
ठिठुरे हाथ पांव
ढुंढे अलाव।
अब भाये ना छांव
शीत प्रकोप
रात में गहराता
ना बचा जाता।
Manibhai Navrtna
हाइकु : परछाई
28/
हर सफर~
बनके परछाई
चलना सखि।
*✍मनीभाई”नवरत्न”*
29/
शुभ विवाह~
मंडप परछाई
हल्दी निखरा।
*✍मनीभाई”नवरत्न”*
30/
भीषण गर्मी~
पीपल परछाई
गंगा की घाट।
*✍मनीभाई”नवरत्न”*
31/
चंद्र ग्रहण~
परछाई धरा की
केतु है माया।
*✍मनीभाई”नवरत्न”*
32/
सूर्य ग्रहण~
परछाई धरा की
राहू की साया।
*✍मनीभाई”नवरत्न”*
हाइकु: श्रावण
33/
सजे कांवर
सावन सोमवार
शिव के धाम।
34/
गेरुआ रंगा
सावन का महीना
शिव का बाना।
35/
सर्पों की पूजा
श्रावण शुक्ल पक्ष
नागपंचमी ।
36/
रक्षाबंधन
सजती रोली संग
थाली में राखी ।
37/
श्रावण मास
पुत्रदा एकादशी
संतान सुख।।
38/
प्रकृति पर्व
हरेली अमावस
श्रावण मास ।
39/
फैली भू पर
शेष वर्ण प्रखर
वंदे जै गंगे।
मनीभाई नवरत्न
40/
नागपंचमी~
सपेरे हाथ नाग
रोटी जुगाड़।
✍मनीभाई”नवरत्न”
हरित ग्राम
हरित ग्राम~
हरी दीवार पर
पेड़ का चित्र।
छाया कहीं भी नहीं
दूर दूर तक।
नयनाभिराम है
महज भ्रम।
खुद आंखों में झोकें
धुल के कण।
✍मनीभाई”नवरत्न”
41/
अस्त्र होती है
हिंसा की प्रतिमूर्ति
लेती हैं शांति।
42/
अस्त्र करती
हिंसा प्रतिबाधित
देती हैं शांति।
43/
धर्म संकट
अंधायुग में ज्योति
युयुत्सु गति।
44/
आत्महत्याएं
है असमाजिकता
संभल जाओ।
45/
हैं आत्महत्या
समाजिक बंधन
घातक रोग।
46/
अनिच्छा जीना
निरूद्देश्य घूमना
ज्यों आत्मघात।
शुभ विवाह
47/
बेचैन वर
प्रतीक्षारत वधु
शुभ विवाह।
48/
हरिद्रालेप
पीतांबर के संग
शुभ विवाह।
49/
देवपूजन
मंडप पे रसोई
शुभ विवाह
50/
दूल्हे के सिर
इतराता सेहरा
शुभ विवाह।
51/
चांद मुखड़ा
घुंघट में दुल्हन
शुभ विवाह।
52/
बंटे मिठाई
बजती शहनाई
शुभ विवाह।
53/
कन्या विदाई
पिता नैनन अश्रु
शुभ विवाह।
54/
प्रेम विश्वास
सुख दुख के साझे
शुभ विवाह।
✍मनीभाई”नवरत्न”