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मनीभाई नवरत्न की गीत

मनीभाई नवरत्न की गीत

ROMANCHIT GEET || रोमांचित गीत
ROMANCHIT GEET || रोमांचित गीत

आंखों से दूर हो दिल से दूर नहीं

आंखों से दूर हो, दिल से दूर नहीं ।।
तुम बुला लो फिर ,हम हो जाएंगे हाजिर।।

मन तड़पता है तेरी यादों में,
होश मेरा जब खोता है।
चैन ढूंढता है यह किताबों में ,
सारा जग जब सोता है।
इसी आस पर बेचैनी मिटे,
तुम मशहूर हो मजबूर नहीं।

हमारा क्या है सनम?
हम हैं रमते राम ।
कट जाएंगे ऐसे ही
सब रंगीली शाम।।
पल पल हम मरते रहे  हैं,
दर्द जुदा  सहते रहे हैं।
और कहते रहे हैं तेरा होगा कसूर
पर जरूर नहीं।।

महबूबा

महबूबा महबूबा मेरा दिल ले डूबा,
वश में नहीं दिल अपना लेना है तो ले जा।
महबूबा महबूबा मेरा दिल तूने  लुभा,
देखा करता है तेरा सपना लेना है तो ले जा।

दिल का धड़कना, सांसो का बढ़ना ।
यह सब इशारे हैं प्यार होने के ।
मन का तड़पना, आंखों का लड़ना ।
यह सब इशारे है प्यार होने के ।
प्यार होने से जीवन लगता अजूबा ।।


वश में नहीं मेरा दिल…
चलते चलते रुकना, रूक कर खो जाना।
यह सब इशारे हैं प्यार होने के ।
आंखों का झुकना झुककर शर्माना ।
यह सब इशारे हैं प्यार होने के ।
प्यार ना होने से जीवन लगता है अधूरा।।
वश में नही मेरा दिल …

आपका चेहरा रंगीला

आपका चेहरा रंगीला दिल में छुरी चलाती है ।
आपकी अंगड़ाइयां हमारी होश उड़ाती है ।


आप तो आप ही हैं
आप की क्या बात है ?
आप है तो मैं भी हूं
और यह हसीन रात है ।
आपकी हर अदाएं मन को लुभाती है।
आपकी बातें दिल की प्यास बुझाती है।


सुहाना मौसम है आज ,
तू भी है अपने पास ।
जी भरके तंग करेंगे तुझे ।
हो चाहे आप उदास ।
आपको छेड़ना शर्म से हमको झुकाती है ।
आपका दीवानापन हमको पास बुलाती है ।।

रिश्ता है हमारा आपसे दिल का
चमकता तारा हो आकाश नील का ।
तेरी खुशबू हो इन साँसों में ।
उलझा रहे फूल जैसी बालों में ।
आपकी हंसी अनजाने में आग लगाती है ।
आपकी तजुर्बा बिगड़ी बात बनाती है ।
आपका चेहरा रंगीला…..

आज आसमां में दामिनी चमक रही

आज आसमां में दामिनी चमक रही ।
तू मेरे दिल की रानी बन रही।
आज मुझे तो प्रेम दीवानी दिख रही ।
तू मेरे लिए दिल की रानी बन रही ।


उसकी चमक झपका देती है नैनों को ।
उसकी खुशबू बढ़ा देती है धड़कनों को ।
आज मेरी कहानी पूरी हो रही ।
तू मेरे दिल की रानी बन रही ।
आज आसमां में ….


वह मुझे सारी दुनिया दिखाए ।
उसकी आंखों में मुझे अपना दुनिया दिखा ।
अब रब क्या करें हमारे लिए
क्या हमारे भाग्य में लिखा ।
आज की रात सुहानी हो रही ।
तू मेरे दिल की रानी बन रही….

अपना दिल तुम किसी से ना देना

अपना दिल तुम किसी से ना देना
मेरा दिल टूट जाएगा ।
थोड़ा सा मेरा इंतजार करना
तुझ पर जान लूट जाएगा ।
यह मत सोचना दिल बर
कि मैं तुमको भूल जाऊंगा ।


जुदा रहना दो घड़ी
फिर मैं तुम से जुड़ जाऊंगा ।
आएगी एक दिन नई रोशनी
तब बंधन टूट जाएगा ।
जानता हूं यह सब होगी कठिन।
पर आएंगे खुशियों के दिन।


जाने जाना तू ना माना
तो मन मेरा टूट जाएगा ।
तकलीफ तुझे हो अगर ।
थोड़ा सा इशारा कर देना ।
खुशियां मेरा लेकर गम हमारा कर देना ।
मुस्कुरा दे तुम ना तू दिल टूट जाएगा ।
अपना दिल तुम…..

अच्छा हुआ जो ठुकरा दिया

अच्छा हुआ जो ठुकरा दिया तो
नींदें ना मेरी खराब होगी ।।
अच्छा हुआ जो बतला दिया तो ,
हाथों में अब किताब होगी ।।


पहले होता तेरे लिए बेचैन
तकती रहती दरस को नैन ।
बन गया था पागल दीवाना
एक पल ना आता था रैन।
अब तेरे लिए लबों में  ना जवाब होगी।


माना कि तुम खूबसूरत बेमिसाल है ।
पर दिल के मामले में बुरा हाल है।
मेरा तुमसे यह आज सवाल है ।
खुद के बारे में तुम्हारा क्या ख्याल है ।
बड़े मदमस्त हो गए तुमने पी शराब होगी ।


हम ना चाहे थे तुम से बैर
पर जी लेंगे अब तेरे बगैर
कभी तो जीवन में हरियाली आएगी
लंबी रातों की अंधियारी जाएगी ।
अब हाथों में मेरे किसी और के लिए गुलाब होगी ।

मोहब्बत की क्या होती जादु

मोहब्बत की क्या होती जादु,
समझ ना पाया कोई इसे ।
सबको कर जाती बेकाबू ,
पुकार आया ये दिल से ।

प्यार कैसी है बादल ?
उड़ती रहती है आसमां में ।
सब के दिलों में छाया रहता
बरसे इस जहां में ।
जब वह दिखे पल रुके
हर लम्हा बीते मुश्किल से ।
मोहब्बत की ….


प्यार कैसी है आज?
यह तो दिल जलाए ।
धुआं निकले हैं सीने में
जब वह दूरियां बढ़ाएं ।
यह ना बुझे कुछ ना सुझे
लगे कभी कातिल से ।
मोहब्बत की ….


प्यार कैसी है पानी ?
होती इसमें जिंदगानी .
हो जाए समां सुहानी
छुपी है सबकी कहानी ।
बढ़ जाये बाढ़ आए
डुब जाये सलिल  से ।
मोहब्बत की ……

भीगे भीगे राहों में भीगे भीगे हम

भीगे भीगे राहों में भीगे भीगे हम।
हाथों में हाथ लेकर चले संग संग।
ओ मेरे सनम …ओ मेरे सनम …
भर रही रगों में मोहब्बत की रंग ।
संभल कैसे पाऊं करें मुझको तंग
ओ मेरे सनम …ओ मेरे सनम …


आज बातें बन जायेगी वो अपनी हो जायेगी ।
लगता है ऐसे वो बाहों में आ जायेगी ।
देर ना कर हम पे मर निकला जाए दम।
ओ मेरे सनम …ओ मेरे सनम ….


कह तो रही है गिरती पानी ।
तू मेरा राजा मैं तेरी रानी ।
कैसे बताऊं हाल ए दिल
ना कह सकूं मैं इसकी कहानी ।
मैं डर जाऊं हां मर जाऊं क्या असर है कम ।
ओ मेरे सनम… ओ मेरे सनम ….


प्यार जो किया है तो इजहार करूंगा ।
यह राज बताने में ना देर करूंगा ।
साथ दे जो अगर तो आगे बढूंगा ।
हां पहचान मिल गई वह मान गई , मिट गए हैं गम ।
ओ मेरे सनम ….ओ मेरे सनम ….

लबों से कह दे आज तू

लबों से कह दे आज तू।
दिल से कर दे प्यार तू।
आंखों से कर दे इशारा तू
कुछ भी कर ले हमारा तू।
कब से कहा आज फिर कहता हूं ।
मैं तो तेरे दिल में रहता हूं ।।

मुझसे इस तरह बेरुखी हो जाएंगे ।
कसम तुम्हारी हम तो चले जाएंगे ।
आप जो दिल हमारे कर जाएंगे ।
हम तेरे लिए कुछ भी कर जाएंगे ।
जानेमन मैं तेरे हर अदा पर मरता हूं ।।

तेरी हर जादू मुझ पर छाने लगा है ।
तेरी हर बात में मुझे को भाने लगा है ।
तेरी रंगरूप ख्वाब  दिखाने लगा है।
अब हम दम मेरा मन गाने लगा है।
मैं तुमसे ही मोहब्बत करता हूं ।।
मैं तो तेरे दिल में रहता हूं ।।।

लबों से कह दे आज तू

तुम फिर मिले ऐसे

तुम फिर मिले ऐसे ,
जैसे नदियां समंदर
धरती अंबर जैसे ।
तुम फिर खिले ऐसे
जैसे दिन से शाम रात
इंद्रधनुषी रंग सात जैसे ।


उजली सुबह की रोशनी तुमसे ।
पगली पवन की खुशबू तुमसे ।
तुम से ही यह बनी हो जैसे ।
तुम फिर मिले ऐसे ।
तुम फिर मिले ऐसे
जैसे सुर से ताल
फूल और बाल जैसे ।


तुम फिर खिले हैं ऐसे
जैसे भंवरे से कलियां
धूप से छैइयां  जैसे।
आसमा की आसमानी तुमसे ।
मौसम की रवानी तुमसे।
तुम से ही यह बनी हो जैसे ।

तुम फिर मिले ऐसे ।
तुम फिर मिले ऐसे
जैसे प्यासे को पानी
राजा को रानी जैसे ।
तुम फिर खिले ऐसे ।
जैसे होठों में मुस्कान ।
मंदिर में भगवान हे जैसे ।
अरमानों की बरसात तुमसे ।
ख्वाबों की बारात तुमसे ।
तुम से ही यह बनी हो जैसे
तुम फिर मिले ऐसे

धरती  से धुआं उड़े

धरती  से धुआं उड़े ,छुले वो आसमां को ।
मैं भी उड़ जाऊं छू लूं इस जहां को ।

आज जागे हैं ऐसी तमन्ना ऐसी आशा ।
आज भागे हैं मन से बहाना ,  निराशा ।
अब  मैं ना ठहर पाऊं, फैलाके रख दूं अपनी बाहों को ।
मैं भी उड़ जाऊं छू लूं इस जहां को ।

सबसे आगे होकर सबको राहे बताऊं ।
सबको संग  लेकर मंजिल तक जाऊं।
अब ये कोशिश इरादा ।
अब  ये ख्वाहिश वादा।
कि मैं ना अब  बैठूं  रोककर अपनी आंहो को ।
मैं भी उड़ जाऊं छू लूं इस जहां को ।

धरती से धुआं उड़े ……

मन ना लागे रे

मन ना लागे रे ,लागे ना मन तुम बिन।
खुदा ही जाने रे , जाने कैसे हुआ यह मुमकिन।
कल तक जो मेरे,दिल को खटके।
आज उसी के लिए मन मेरा भटके ।
खो गया हूं मैं ,उसकी यादों में ,रहने लगा हूं लीन।
होते रहते थे , हम दोनों में झगड़े।
तू तू मैं मैं के ही,सारे होते लफड़े ।
कहां गए वो सारे खींचातानी , दिखे ना कोई चिन्ह ।
ऐसे ना  कभी वो दिखती थी।
तड़पाकर दिल को ,ना चलती थी ।
कहां सीख लिये ऐसी अदाएं, लगती है क्वीन ।
मन ना लगे….

मनीभाई नवरत्न

चाहत में बड़ी ताकत है

चाहत में बड़ी ताकत है।
तुझे चाहना ही चाहत है ।
तू ही है जरूरत मेरी
तू ही मन की राहत है ।
चाहत की दुनिया में आके
दुनिया से अब क्या छुपाना ।
यह चाहत छिपती नहीं
कर लो चाहे जितना बहाना ।
चाहत में तुझको ना चाहा तो लानत है ।
चाहत में …


जिया चलती नहीं चाहत के बिना ।
जिया ढलती नहीं चाहत के बिना ।
हर लम्हा अब मुश्किल है बड़ा
पर चाहत सिखाती है मरना जीना।
अब हर पल दिल में तेरे लिए दावत है।
चाहत में बड़ी ताकत है….

मनीभाई नवरत्न

खो गई जो दोस्ती

खो गई जो दोस्ती,खो जाएगी जिंदगी।
यारा जब तक जियूं , करूं तेरी बंदगी ।
हर लम्हा जब तन्हा रहूं तू याद आए।
मेरे कानों में  तेरी ,आहट सुनाएं।
तेरे विचार, सरहद पार होके भी ,
देखो मुझे आज सिखाएं।
फिर तुमसे मिलने की,  अरमां है जगी।
यारा जब तक जियूं करूं तेरी बंदगी ।।


तू मिलता , है खिलता ,लब पे मुस्कान।
खुशी तुमसे हंसी तुमसे, तुमसे ही जान।
तू दिलदार, ओ मेरे यार साथ यूं ही
रहना मेरे हाथ को थाम।
खुद को बदल दिया , देख तेरी सादगी।
यारा जब तक जियूं करूं तेरी बंदगी ।
✍मनीभाई

मस्ती कर मस्ताने दीवाने परवाने

मस्ती कर मस्ताने दीवाने परवाने ।

ये पल कल मिले कौन जाने कब जाने?

धुनी रमा अपने मन की,
छुले तारे गगन की ।
आगे बढ़ सबसे ,बनके सयाने ।।

समेट ले सारी खुशियां,
बटोर ले सारी कलियां।
चूम ले धारा को रिश्ते ये पुराने ।।

नजरों से खेले मन की लड़ियां ।
दिल में छाए प्रीत की छड़ियां ।।
आये इस दुनिया में प्रेम के बहाने।।

मनीभाई नवरत्न

जीत होके भी मन निराश है

निकल पड़े हैं सफर में ,
मंजिल की ना तलाश है
जो हमसफ़र हो तुमसा
तो हर मंजिल पास है।।
फिर क्यों नाराज है, ….
क्यों उदास है….
इस पल में जीत होके भी
मन निराश है……

ख्वाहिशों की भूलभुलैया नगरी में
क्यों भटके हम जेठ दुपहरी में।।
सांसों का , क्या भरोसा जिन्दगी में?
ये कभी भी छोड़े दे ,दो घड़ी में।।
फिर क्यों जाऊँ ? तुम्हें छोड़के
जो नहीं यहाँ कोई, तुमसा खास है।।1।।
फिर क्यों नाराज है, ….
क्यों उदास है….
इस पल में जीत होके भी
मन निराश है……

तू जो कहती है आगे बढ़ मेरे लिये
नैनों से तुम कभी, गुम होना ना।
पीछे मुड़कर ,मैं जो कभी तुम्हें देखूँ
नैनों से नीर बहाते, तुम होना ना।
मेरी जिन्दगी अब हो चुकी तेरी
मुझे भी तेरी धड़कन का अहसास है।।2।।
फिर क्यों नाराज है, ….
क्यों उदास है….
इस पल में जीत होके भी
मन निराश है……

हम तो लुट गये यारा बेफिक्री से

ना अजनबी से,
ना करीबी से,
हम तो लुट गये,
यारा, बेफिक्री से। ना अमीरी से,
ना गरीबी से,
हम तो लुट गये,
यारा, बेफिक्री से। आज में जीये, कल को भुलाये।
हम ना गये, किसी के बुलाये।
मन ने जो चाहा, वही करते गये।
जग के उसूल, कभी ना समझ पाये
ना नसीब से, ना बदनसीबी से।
हम तो लुट गये,
यारा, बेफिक्री से।।

——–

——–(क्रमशः)

-मनीभाई नवरत्न

दिल्लगी है नहीं मेरा प्यार है

हाये तेरी अदायें,कर लिया मुझपर अख्तियार है….
खातिर जिसके दिल तो, अब तो मरने को तैयार है …
दिल्लगी है नहीं ,मेरा प्यार है …..
आज इस पल मेरा इकरार है….
इकरार है….
Oh…Love is life….Love is great…
For love’s sake, I won’t wait…..

ख्वाहिश है मुझे , किसी सांझ सकारे
मिलने को जाऊं तुझे ,नदिया किनारे
रखके सर, तेरी जुल्फों के तले
नैनों से अपने, तेरी रूप निहारे
गर ऐसा हो कभी …..तो चमत्कार है.

दिल्लगी है नहीं ,मेरा प्यार है …..
आज इस पल मेरा इकरार है….
इकरार है….

तू ही मेरा मस्जिद

तू ही मेरा मस्जिद
तू ही मेरा मंदिर
तू ही दरगाह
तू ही मेरा रब्बा
तू ही मेरी दुआ
तू ही चाह
अजकार मेरे लिए तेरा प्यार
कदमों में तेरे जानिसार

तुझे कैसे बताऊं तुम मेरे लिए क्या है
रब की रहमत मिले तुझे मेरी यही रजा है
सरकार मेरे लिए तेरा प्यार
कदमों में तेरे जानिसार.

जो हुकुम दे दे तू मर जाए उस पर
तसल्ली होगी खुद को कुछ किया तुझ पर
संसार मेरे लिए तेरा प्यार
कदमों में तेरे जानिसार.

हुजूर तुम हो

हुजूर तुम….
हुजूर तुम हो….
हुजूर तुम हो मेरे रहबर । पास आए ….
पास आए तुम….
पास आए तुम मेरे इस कदर।
कि जीने की ख्वाहिश मुझे हो चली।
कि ढूंढूं तुझे मैं गली गली । तुमसे हूं …
तुमसे हूं जिंदा ….
तुमसे हूं जिंदा मेरे परवर
पाके तुझे …
पाके तुझे मैं …..
पाके तुझे मैं गई नहीं निखर। आजकल खुद से ज्यादा ,
तेरी फिक्र होने लगी है ।
सपनों में भी ,अपनों में भी
तेरी जिक्र होने लगी है । मेरी आरजू तू …मेरी चारसू तू …
तू ही जुस्तजू मेरी…  गुप्तगूं तू अब तो….
अब तो तुम…..
अब तो तुम मेरे हमसफर ।
पास आए……
पास आए तुम ….
पास आए तुम मेरे इस कदर। कर लिया , खुद से वादा
चाहूंगा तुझे मरते दम तक ।
आफतो में भी, राहतों में भी
रहूंगा संग मरते दम तक । मेरी आशिकी तू , मेरी ऐयारी तू।
तू ही बेखुदी ..मेरी , बेदारी तू । जान लो …
जान लो तुम …
जान लो तुम मेरी खबर ।
पास आए ..
पास आए तुम …
पास आए तुम मेरे इस कदर।

बैठे हैं आकाशतल में- मनीभाई नवरत्न

बैठे हैं आकाशतल में, टूटे ना कोई सितारा ।

जो कभी टूटेंगे तारे, हाथ मांग लेंगे तुम्हारा।।

कोई तो मुलाकात होगी, जो पिया साथ होगी ।
कोई तो रात होगी ,जिसमें तुझसे बात होगी ।।
कोई तो बरसात होगी जिसमें मन भीग जाएंगे ।
कोई तो हालात होगी जिसमें वो दिख जाएंगे।।
यह लमहे ना गुजरे तो फलक मेरा अंधियारा ।।


जीवन मेरा राग है, जिसे तुम सुन लेना ।
जीवन में सुराग है ,जिसे तुम बून लेना ।
जीवन मेरा दाग है, जिसे तुम धो लेना ।
जीवन में आग है, जिसे तुम बुझा देना ।
जीवन बाग बाग हो जाएंगे जो मिले तेरा सहारा।।

मनीभाई नवरत्न

माना हम तेरे लायक नहीं

माना हम तेरे लायक नहीं
मनचाहा फल दायक नहीं ।
तो भी हमसे मुख मोड़ो ना
तन्हा छोड़ो ना ।।
यूं तो रिश्ता अपना हर रिश्तों से बढ़कर है ।
फिर क्यों ये फासला हर फासलों से बढ़कर है।
तू रह कर भी रहता नहीं
और ना रह कर भी रहता है ।
मेरा दिल नाजुक शीशे का
गिरा के तोड़ो ना
तन्हा छोड़ो ना ।।
तुमको पाकर पा लिया
मैंने अपना हमसफ़र ।
कतरे कतरे को है पता
बस तुझे ही ना खबर ।
तू कह कर भी कहता नहीं ।
और ना कहकर भी कहता है।
यह जहां है खुदगर्जो का
जिनके पीछे दौड़ो ना
तन्हा छोड़ो ना।।

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