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मेरी तीन माताएँ

यहाँ माँ पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है।

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माँ पर कविता

मेरी तीन माताएँ

नौ मास तक जिसने ओद्र में रखकर,,
हमें इस संसार में लायी।
अपनी स्तन का अमृत पिलाकर,,
इस जग में हमे पहचान दिलाई ।
हम पूजें तुम्हें सबसे पहले,,
हे जननी मेरी पहली माँ ।।      

जिस धरा पे मैंने पहला कदम रखा,,
      डगमगाया ,लड़खड़ाया फिर चलना सीखा ।
      हम जीवन में जो कर्म किये,,
      सबकुछ है इसि मिट्टी  में लिखा।
       तेरी बहुत बड़ी उपकार है मुझ पर,,
       हे धरती धरनी मेरी दुसरी माँ ।।

जिस माँ ने हमारे पुरी जीवन को,,
अपनी अमृत समान दूध की  रसपान कराई ।
इस शरीर का एक एक हिस्सा,,
उसी की है ये उपकार की काया।
हे करूणामयी ,ममतामयी माँ,,
हे गौ माता मेरी तीसरी माँ ।     

हे जगत जननी मेरी पहली माँ,,
      हे गौ माँ हे धरती माँ ।
      पूजें तुम्हें सारा जगत जहाँ,,
       तुम तीनों सबकी प्यारी माँ ।
      हे न्यारी माँ हे दुलारी माँ ।।।

बाँके बिहारी बरबीगहीया

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