मुझे तेरी हर बातें याद आते हैं- मनीभाई नवरत्न

मुझे तेरी हर बातें याद आते हैं

प्रेम

मुझे तेरी हर बातें याद आते हैं।
तुमसे हुए हर मुलाकातें सताते हैं ।
क्यों उस दिन अनजान रहा ,
तेरे चाहत का ना भान रहा ।
अब जब पता है तू ही लापता है ,

कैसे मिलू तुझे?
सोचकर हम घबराते हैं।
मुझे तेरी हर बातें ….

बीते कल में चेहरा तेरा खोजू,
आजकल मैं तेरी यादों में खोऊँ ।
ये सारी बातें आम हो गई ,
प्यार का इकरार खुलेआम हो गई।
अब कैसे बताएं कि हम कितना चाहते हैं।
मुझे तेरी …. तुझसे जुदा हुआ ,

मंजिले जुदा हुई ।
तू अगर ना मिला जिंदगी तबाह हुई ।
झलक तेरे पाने को मन मेरा बेचैन ।
प्यासे मेरे होंठ नहीं प्यासे हैं नैन।।
कैसे बुझे इनकी प्यास,
तेरी सूरत की आस लगाए रहते हैं ।
मुझे तेरी हर बातें…..

🖋 मनीभाई नवरत्न

दिवस आधारित कविता