नवाजिश नवाजिश
![कविता संग्रह](https://kavitabahar.com/wp-content/uploads/2022/12/kavita-bahar-hindi-kavita-sangrah2434637591686957824..jpg)
तू जो मिली होने लगी ,जीने की ख्वाहिश ।
आई मेरे जीवन में तू , रब की नुमाइश।
नवाजिश नवाजिश बस रब की नवाजिश।
मुझको अपनी पनाह में ले ले ।
सुन ले मेरी इल्तजा।
कुछ ना भाये तेरे सिवा
कैसा वक्त का तकाजा । तुझसे मिला, पूरी हूई मेरी फरमाइश।
आई मेरे जीवन में तू , रब की नुमाइश।
नवाजिश नवाजिश बस रब की नवाजिश।।