CLICK & SUPPORT

नवाजिश नवाजिश

नवाजिश नवाजिश

कविता संग्रह
कविता संग्रह

तू जो मिली होने लगी ,जीने की ख्वाहिश ।
आई मेरे जीवन में तू , रब की नुमाइश।
नवाजिश नवाजिश बस रब की नवाजिश।

मुझको अपनी पनाह में ले ले ।
सुन ले मेरी इल्तजा।
कुछ ना भाये तेरे सिवा

कैसा वक्त का तकाजा । तुझसे मिला, पूरी हूई मेरी फरमाइश।
आई मेरे जीवन में तू , रब की नुमाइश।

नवाजिश नवाजिश बस रब की नवाजिश।।

CLICK & SUPPORT

You might also like