नवाजिश नवाजिश

तू जो मिली होने लगी ,जीने की ख्वाहिश ।
आई मेरे जीवन में तू , रब की नुमाइश।
नवाजिश नवाजिश बस रब की नवाजिश।
मुझको अपनी पनाह में ले ले ।
सुन ले मेरी इल्तजा।
कुछ ना भाये तेरे सिवा
कैसा वक्त का तकाजा । तुझसे मिला, पूरी हूई मेरी फरमाइश।
आई मेरे जीवन में तू , रब की नुमाइश।
नवाजिश नवाजिश बस रब की नवाजिश।।