by कविता बहार | Mar 31, 2019 | विविध छंदबद्ध काव्य, हिंदी कविता
दहेज पर कविता बेटी कितनी जल गई , लालच अग्नि दहेज ।क्या जाने इस पाप से , कब होगा परहेज ।।कब होगा परहेज , खूब होता है भाषण ।बनते हैं कानून , नहीं कर पाते पालन ।।कह ननकी कवि तुच्छ , . रिवाजों की... by कविता बहार | Mar 31, 2019 | Uncategorized
हम तुमसे प्यार करते हैं हाँ यही सच है हम तुमसे प्यार करते हैंजानेजाना हाँ यही सच है तुमपे मरते हैंतुम न होते हो तो तस्वीर से बतियाते हैंदिल के नज़दीक ला हम धड़कन तुम्हें सुनाते हैंहोश खो देते हैं तुम्हेँ सामने जब पाते हैंबेख़ुदी में तुम्हें ही सोच मुस्कुराते हैंपास आ जाओ... by कविता बहार | Mar 31, 2019 | Uncategorized
सुनो तुम आ जाओ न सुनो तुम आ जाओ नकुछ अपनी भी सुनाओ नखफ़ा खफ़ा से लगते होथोड़ा सही मुस्कुराओ नयहाँ लोग बातें बनाते हैंनिगाहों को नहीं मिलाओ नबेख़ौफ़ हम रहते हैं मगरतुम तन्हा नहीं बुलाओ नज़िक्र मेरा हर सू करते होकुछ तो राज़ छुपाओ नपल जो साथ गुज़ारे थेयूँ उनको नहीं भुलाओ नरोज़... by कविता बहार | Mar 31, 2019 | विविध छंदबद्ध काव्य, हिंदी कविता
कुण्डलिया अंदर की यह शून्यता , बढ़ जाये अवसाद ।संशय विष से ग्रस्त मन... by कविता बहार | Mar 31, 2019 | हिंदी कविता
पानी के रूप sagar धरती का जब मन टूटा तो झरना बन कर फूटा पानी हृदय हिमालय का पिघला जब नदिया बन कर बहता पानी ।। पेट की आग बुझावन हेतु टप टप मेहनत टपका पानी उर में दर्द समाया जब जब आँसू बन कर बहता पानी ।। सूरज की गर्मी से उड़...