दिल की बात बताकर देखो

दिल की बात बताकर देखो दिल की बात बताकर देखोमन में दीप जलाकर देखो।कौन किसी को रोक सका हैनाता खास निभाकर देखो।आँखों की बतिया समझो तोलब पर मौन सजाकर देखो।इश्क़ सफ़ीना सबका यक साथोड़ा पार लगाकर देखो।लोग जगत सब मैला यारोंमन का वहम मिटाकर देखो।रब का एक नज़रिया सब परऐसा भाव...

मंज़िल पर कविता

मंज़िल पर कविता   सूर्य की मंज़िल अस्ताचल तक,तारों की मंज़िल सूर्योदय तक।नदियों की मंज़िल समुद्र तक,पक्षी की मंज़िल क्षितिज तक। अचल की मंज़िल शिखर तक,पादप की मंज़िल फुनगी तक।कोंपल की मंज़िल कुसुम तक,शलाका की मंज़िल लक्ष्य तक। तपस्वी की मंज़िल मोक्ष तक,नाविक की मंज़िल...

उपवन की कचनार कली है

            उपवन की कचनार कली है उपवन की कचनार कली है ।घर भर में  रसधार ढ़ली  है ।।यह दुहिता जग भार नहीं है ।अवसर दो  हकदार नहीं है ।।समय सुधा रस सिंचित  बेटी ।पथ गढ़ती अब किंचित बेटी ।।नव  युग  प्रेरक है अब  देखो ।सृजन महत्व मिला सब...

फागुन में पलाश है रंगों भरी दवात

फागुन में पलाश है रंगों भरी दवात फागुन में पलाश है, रंगों भरी दवात ।रंग गुलाबी हो गया, इन रंगों के साथ ।।अँखियों से ही पूछ गया, फागुन कई सवाल ।ख्बावों का संग पा लिया, ये नींदें कंगाल ।।पलट-पलट मौसम तके, भौचक निरखें धूप ।रह-रहकर चित्त में हँसे, ये फागुन के रूप ।।फूलों...