CLICK & SUPPORT

पंचायत पर कविता -रामनाथ साहू ” ननकी

भारत की पंचायती राज प्रणाली में गाँव या छोटे कस्बे के स्तर पर ग्राम पंचायत या ग्राम सभा होती है जो भारत के स्थानीय स्वशासन का प्रमुख अवयव है। सरपंच, ग्राम सभा का चुना हुआ सर्वोच्च प्रतिनिधि होता है। प्राचीन काल से ही भारतवर्ष के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक जीवन में पंचायत का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। सार्वजनिक जीवन का प्रत्येक पहलू इसी के द्वारा संचालित होता था।

panchayati divas

पंचायत पर कविता 

सम्बंधित रचनाएँ

पंचायत के बीच में ,  ले सच की सौगंध ।
माँग दिव्य सिंदूर दूँ  , थाम रहा मणिबंध ।।
थाम रहा मणिबंध ,  हाथ ये कभी न छोड़ूँ ।
जो भी हो परिणाम , प्रेम का बंध न तोडूँ ।।
कह ननकी कवि तुच्छ , पंच बस करें इनायत ।।
प्रेम रहा है जीत , दस्तखत दे  पंचायत ।

पंचायत मजबूत जब ,  सुधरेगा हर गाँव ।
सपने देखे सुनहरे ,  रहे सुमत की छाँव ।।
रहे सुमत की छाँव ,  मगर उल्टा है होता ।
मगरमच्छ घडियाल , पेट भर खाके सोता ।।
कह ननकी कवि तुच्छ , बंद कैसे हो रवायत ।
स्वप्न करे साकार , स्वस्थ हो हर पंचायत ।।

पंचायत निर्णय करे , सुनकर सारे कथ्य ।
सबकी होती एकमत ,   सत्य सभी के तथ्य ।।
सत्य सभी के तथ्य , बंद हो हर हंगामा ।
कहीं खुशामदखोर , न पहने शुचिता जामा  ।
कह ननकी कवि तुच्छ  , सत्य की रहे सियासत ।।
परिवर्तित व्यवहार ,  मान पाये पंचायत ।।

  • रामनाथ साहू ” ननकी ” मुरलीडीह

CLICK & SUPPORT

You might also like