राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी पर कविता

“बापू” ( राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी पर कविता )

mahatma gandhi
mahatma ghandh


सत्य अहिंसा के तुम ही पहरेदार हो बापू,
आजादी दिलाने वाले बड़े सरदार हो बापू।


हर बच्चा तुम्हें दिन रात याद करता है,
हर इंसा तुम्हारा ही गुणगान करता है।
सच्ची श्रद्धा से ही मिलती है सफलता,
हर इस कामयाबी का बखान करता है।
आजादी दिलाने के सही हकदार हो बापू।


देश प्रेम की भावना कोई तुमसे सीखे,
कुछ कर गुजरने की तड़प तुमसे सीखे।
सत्य अहिंसा की डगर पर ही चलकर,
अपने हक़ के लिए लड़ना तुमसे सीखे।
हर देशवासी के लिए पेड़ छायादार हो बापू।


के तुम आन,बान, शान की हो निशानी,
देश को आजाद करने की दिल में ठानी।
आजादी दिलाके, गुलामी से मुक्त कराया,
अंग्रेजों की झूठी बात तुमने नहीं मानी।
देश भक्ति में डूबे तुम सच्चे किरदार हो बापू।


अपने लिए कुछ भी नहीं किया भला,
देश के लिए ही तुमने सब कुछ किया।
त्याग,बलिदान की हो तुम एक मूरत,
आजादी दिलाने का बस काम किया।
आजादी की कहानी लिखी वो कलमकार हो बापू।

नदीम सिद्दकी, राजस्थान

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

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