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राष्ट्रीय सेवा योजना पर कविता (NSS Poem in Hindi)- अकिल खान


nss poem in hindi -राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) भारत सरकार, युवा मामलों और खेल मंत्रालय की एक केंद्रीय क्षेत्र योजना है, जिसे औपचारिक रूप से 24 सितंबर, 1969 को शुरू किया गया था। यह ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के छात्र युवाओं और स्कूलों के छात्र युवाओं को अवसर प्रदान करता है।

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राष्ट्रीय सेवा योजना पर कविता

युवाओं के शक्ति,को यह मजबूत कर दे,
बेरंग-निरस जीवन,शैली में यह रंग भर दे।
सामाजिक अत्याचारों का,होता है अंत,
वैचारिक क्रांति का इसमें,ज्ञान है अनंत।
देश के विकास के लिए,युवाओं को है सोंचना,
देश का आधार स्तंभ है,राष्ट्रीय सेवा योजना।

प्राकृतिक संपदाओं का,हम करेंगे रक्षा,
देश के हित-अहित पर,हम करेंगे समिक्षा।
इंसानीयत का चहूं ओर,अलख है जगाना,
सही-गलत में अंतर,सभी को है बताना।
स्वतंत्रता रूपी परिधान,अब नहीं है खोना,
देश का आधार-स्तंभ है,राष्ट्रीय सेवा योजना।

स्वच्छ भारत अभियान,को चलाकर,
अस्पृश्यता का लोगों को,पाठ पढाकर।
शिक्षा की क्रांति से,बेबसों को उठाएंगे,
द्वेष-छल,कपट को,समाज से हटाएंगे।
सत्य-अहिंसा के मार्ग पर,शांति को है खोजना,
देश का आधार स्तंभ है,राष्ट्रीय सेवा योजना।

युवा मे शक्ति है,बदलाव को ललकारने के लिए,
युवा में भक्ति है,अन्याय को पछाड़ने के लिए।
रोते हुए को हंसाओ,दुःखीयों को दो तुम प्यार,
मिटा कर गुलामी को,दूर करो तुम अत्याचार।
हिन्दुस्तान की गरिमा को,तुम्ही को है संजोना,
देश का आधार स्तंभ है,राष्ट्रीय सेवा योजना।

अनुशासन,कर्तव्यपरायणता का हो जब ज्ञान,
परोपकार से संसार में मिले,अलग ही पहचान।
कहता है’अकिल’मेहनत को दिल में भर जाओ,
कभी याद करेगा जमाना,एसा कुछ कर जाओ।
ठान लो युवा तुमको,मंजिल तक है पहुंचना,
देश का आधार स्तंभ है,राष्ट्रीय सेवा योजना।।


अकिल खान
सदस्य,प्रचारक “कविता बहार” जिला-रायगढ़ (छ.ग.)

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