स्वच्छ भारत

स्वच्छ भारत
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रचनाकार- महदीप जंघेल
विधा- गीत (स्वच्छता गीत)

स्वच्छता की ज्योति जलाना है।
भारत को स्वच्छ बनाना है।।
सब लोगो को समझाना है।
भारत को स्वच्छ बनाना है।।

शौच खुले में न जाओ ,
गन्दगी कहीं न फैलाओ।
जो भी खुले में जाता है,
कई बीमारियों को बुलाता है।।
पर्यावरण स्वच्छ बनाना है,
शौचालय में ही जाना है।।
स्वच्छता की ज्योति……….

कूड़ा कचरा न फैलाना,
बीमारियों को न बुलाना।
निर्मल सुंदर धरती देखो,
गली-सड़क पर मत थूको।
स्वच्छता को मन से अपनाना है,
भारत को स्वच्छ बनाना है।।
स्वच्छता की ज्योति…….

नदी तालाब की, करो सफाई,
होगी तभी,सबकी भलाई।
स्वच्छता को जो अपनाता है,
जिंदगी सुखी हो जाता है।।
स्वच्छता मशाल जलाना है।
भारत देश का मान बढ़ाना है।।
सुंदर और स्वस्थ कहलाना है,
भारत को स्वच्छ बनाना है।।
स्वच्छता की ज्योति…….

सन्देश:- स्वयं स्वच्छता का पालन करें, एवं दूसरो को प्रेरित करें।

✍️महदीप जंघेल
ग्राम-खमतराई ,खैरागढ़
जिला-राजनांदगांव(छ.ग)

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