छठ दिवस पर कविता
छठ दिवस पर कविता उदय- अस्त दोनों समय,नित्य नियम से सात।सूर्य परिक्रमा के कहें,अन्तर्मन की बात।। प्रतिदिन दर्शन दे रहे,सूर्य देव भगवान।छठ पूजा का है बना ,जग मे उचित विधान।। सूर्य भक्त क कठिन व्रत,करते उन्हें प्रसन्न।प्रभु पूषा भी भक्त की,हरते दुख -आसन्न।। गतियों से ऋतुएँ बनी,पावस -गर्मी-शीत।मानव का सब डर हरें,बनकर उनका मीत।। देव-दनुज-मानव … Read more