चार के चरचा/ डा.विजय कन्नौजे
चार के चरचा*****4***चार दिन के जिनगी संगीचार दिन के हवे जवानीचारेच दिन तपबे संगीफेर नि चलय मनमानी।चारेच दिन के धन दौलतचारेच दिन के कठौता।चारेच दिन तप ले बाबूफेर नइ मिलय…
चार के चरचा*****4***चार दिन के जिनगी संगीचार दिन के हवे जवानीचारेच दिन तपबे संगीफेर नि चलय मनमानी।चारेच दिन के धन दौलतचारेच दिन के कठौता।चारेच दिन तप ले बाबूफेर नइ मिलय…
छत्तीसगढ़ में रिस्ता राम के / विजय कुमार कन्नौजे छत्तीसगढ़ के मैं रहइयाअड़हा निच्चट नदान।छत्तीसगढ़ में भाॅंचा लामानथन सच्चा भगवान।बहिनी बर घातेच मयामिलथे गजब दुलारदाई के बदला मा बहिनी देथे…
खिचड़ी भाषा त्याग करखिचड़ी भाषा त्याग करसाहित्य कीजिए लेख।निज जननी को नमन करोकहे कवि विजय लेख।।हिन्दी साहित्य इतिहास मेंखिचड़ी भाषा कर परहेज।इंग्लिश शब्द को न डालिएहिन्दी वाणी का है संदेश।।हिन्दी…
रसायन चुर्ण हिन्दीहिन्दी शब्दकोश खंगालकरशब्द चयन कर साथ।शब्दकोश का भंडार पड़ा हैज्ञानार्जन दीजिए बाट।।हिन्दी कोष महासागर हैपाते हैं गोता खोर।तैर सको तो तैर सागर को गहरा है अति घोर।।डुबकी लगाये…