
गोली दन दन दन हो गयी शुरू
गोली दन दन दन हो गयी शुरू गोली दन दन दन हो गयी शुरू ,हो गयी शुरू,भारत माँ के लाल गरजे शेर गबरू ..मूछ मरोड़ो,आगे आओ ,आया अपना दौर रे,और निचोड़ो ऐसे जैसे निम्बू दिया निचोड़ रे,क्योंकि गोली दन दन…
गोली दन दन दन हो गयी शुरू गोली दन दन दन हो गयी शुरू ,हो गयी शुरू,भारत माँ के लाल गरजे शेर गबरू ..मूछ मरोड़ो,आगे आओ ,आया अपना दौर रे,और निचोड़ो ऐसे जैसे निम्बू दिया निचोड़ रे,क्योंकि गोली दन दन…
यहाँ राष्ट्रीय पर्वतीय पर्वतारोहण दिवस पर एक कविता प्रस्तुत की गई है, जो पर्वतारोहण के साहस, रोमांच और प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाती है: राष्ट्रीय पर्वतीय पर्वतारोहण दिवस जब ऊँचे पर्वत चढ़ते हैं हम,साहस से भरे दिल के संग,हर चोटी पर…