हसदेव जंगल पर कविता

hasdev jangal

हसदेव जंगल पर कविता हसदेव जंगल उजार के रोगहा मन पाप कमा के मरही।बाहिर के मनखे लान केमोर छत्तीसगढ़ म भरही।। कभु सौत बेटा अपन नी होवय,सब झन अइसन कइथे।सौत भल फेर सौत बेटा नहीसौतिया डाह हर रइथे।। हसदेव जंगल दवई खदानसब जंगल ल उजाड़ही।बिन दवई बुटी के ,जन-जन ल रोगहा मन मार ही।। जंगल … Read more

सतनाम पर कविता

सत के रद्दा बताये गुरूसही मारग दिखाये।सहीं मारग बतायें गुरू जय‌‌‌तखाम ल गड़ाये।। चंदा सुरूज ल चिनहायेगुरु,जोड़ा खाम ल गड़ायेविजय पताका ल फहरायेसाहेब, सतनाम ल बताये।। तोरे चरनकुंड के महिमासाहेब, जन-जन ल बताये। सादा के धजा बबा,सादा तिलक तोर माथे में।सादा के लुगरा पहिरे हवयसफुरा दाई साथ में।। मैं घोंडइया देवव बाबा,मैं पईंया लागव तोर।मोर … Read more

आत्म ज्ञान ही नया दिन

जिस दिन जीवन खुशहाल रहे,जिस दिन आत्मा ज्ञान प्रकाश रहे,उस दिन दीवाली है।जिस दिन सेवा समर्पण भाव रहे,जिस दिन नवीन अविष्काररहेनव वर्ष आने वाली हैं।जिस दिन घर घर पर दीपजले,जिस दिन पापियन निज हाथ मलेउस दिन दीवाली है।नव वर्ष की खुशहाल त्योहारउस दिन हम मनायेंगे।जिस दिन भारत भुमि में नव दिन ज्योति जलायेंगे।।नया वर्ष मनायेंगे,नव … Read more

चमचा गिरि नही करूंगा

चमचा गिरि नही करूंगा जो लिखुंगा सत्य लिखुंगाचमचा गिरी नही करूंगा।कवि हूं कविता लिखुंगाराजनेता से नहीं बिकुंगा।। चापलुसी चमचा गिरी तोकिसी कवि का धर्म नहीं।अत्याचार मै नहीं सहूंगा।जो लिखुंगा सत्य लिखुंगा । राज नेता से नहीं बिकुंगा ।कवि हूं मैं, कविता लिखुंगा।। कवि धर्म कभी कहता नहींअतिशयोक्ति काब्य लिखुंगा।जो सच्चाई है वहीं लिखुंगा।राजनेता से नहीं … Read more

गंगा की पुकार

गंगा की पुकार गंगा घलो रोवत हे,देख पापी अत्याचार।रिस्तेदारी नइये ठिकाना,बढ़गे ब्यभीचार।। कलयुग ऊपर दोष मढत हे,खुद करम में नहीं ठिकाना।कइसे करही का करही एमनओ नरक बर करही रवाना।। स्वार्थ के डगर अब भारी होगेअनर्थ होत हे प्यार।प्यार अंदर अब नफरत हवयबढे हवय अत्याचार।। प्यार नाम अब धोखा हवे सुन लौ जी संत समाज।हृदय काकरो … Read more