Tag भारतीय संस्कृति

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घर-घर में गणराज – परमानंद निषाद

“घर-घर में गणराज” परमानंद निषाद द्वारा रचित एक कविता है जो गणेश चतुर्थी के अवसर पर भगवान गणेश की महिमा और उनकी पूजा के महत्व को दर्शाती है। यह कविता गणेश उत्सव की खुशी, भक्ति, और सांस्कृतिक समृद्धि को प्रकट…

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वतन वालों वतन ना बेच देना

वतन वालों वतन ना बेच देना वतन वालों वतन ना बेच देनाये धरती, ये गगन ना बेच देनाशहीदों ने जान दी है, वतन के वास्तेशहीदों के कफ़न ना बेच देना दोस्तों, साथियों, हम चले दे चलेअपना दिल अपनी जाँताकि जीता…

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सादगी का रंग / राष्ट्रीय सादगी दिवस पर कविता

यहाँ राष्ट्रीय सादगी दिवस के अवसर पर एक कविता प्रस्तुत की जा रही है: सादगी का रंग सादगी का रंग हो प्यारा,सीधा-सादा जीवन हमारा। चमक-दमक को भूल चलें हम,सादगी में ही सुख पाएं हम। कम में खुश रहना सिखाएं,सादगी का…