वेतन पर कविता / स्वपन बोस “बेगाना”
वेतन पर कविता कर्म करों फल मिलेगा मेहनत तो महिना भर हों गया, फिर वेतन कब मिलेगा ।सूनों सहाब डालोगे वेतन,समय पर तभी तो फिर कर्म का सुंदर फूल खिलेगा। सूनों सहाब हम कर्मचारियों की कहानी, हमें बस एक तारीख अच्छा लगता है। क्यों की लगभग इसी दिन तक वेतन डलता है, फिर दो पांच … Read more