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शिवकुमार श्रीवास “लहरी”

  • पिता का नाम-श्री ऊदेराम श्रीवास

  • माता का नाम-श्रीमती जानाबाई श्रीवास

  •  जन्म तिथि –21-07.1969

  • योग्यता-एम. ए. अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, हिन्दी साहित्य, संस्कृत, एल. एल. बी बी.एड.
  • पद- शिक्षक, शास. पूर्व माध्यमिक विद्यालय कोसमसरा (क)

  • स्थायी पता-पारस नगर सेक्टर 01कसडोल बलौदाबजार भाटापारा (छ. ग.)

  • अभिरुचि- संगीत, साहित्य सामाजिक, उत्थान, पठन, पाठन लेखन-छंद, कुडलिया, गीत, चौपाई, दोहा, मुक्तक, सोरठा, गजल, कहानियाँ, आदि।

  • साहित्य सृजन का उपदेश्य- आत्मनुभूति

  • उपलब्धि-शिक्षक रत्न, डाँ. राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय सम्मान(मानव संसाधन भारत शासन नई दिल्ली ) Z I I E I राष्ट्रीय सम्मान (भारत शासन नई दिल्ली) से सम्मानित,राज्यपाल सम्मान से सम्मानित

प्रकाशित किताब-) भावाजंली,छत्तीसगढ़ दर्शन (साझा संकलन )
पता-पारस नगर सेक्टर 01 कसडोल छत्तीसगढ़

नाचा पर कविता

शिवकुमार श्रीवास “लहरी” छत्तीसगढ़ के एक प्रसिद्ध कवि हैं। उनकी यह कविता ” नाचा” छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोक संस्कृति और विशेषकर कुंडली विधा पर केंद्रित है। कुंडली नाच छत्तीसगढ़ का एक लोकप्रिय नृत्य है जो अपनी अनूठी शैली और सांस्कृतिक…

सुवा नृत्य

शिवकुमार श्रीवास “लहरी” द्वारा रचित यह रोला छंद की कविता, छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय नृत्य सुवा को बड़े ही मार्मिक ढंग से चित्रित करती है। कवि ने अपने शब्दों से सुवा नृत्य की जीवंतता, महिलाओं की भावनाओं और छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक…

लोकगीत व लोक नृत्य

शिवकुमार श्रीवास “लहरी” द्वारा रचित यह दोहा कविता भारतीय लोक कलाओं, विशेषकर लोक नृत्यों के प्रति गहरा आदर और चिंता व्यक्त करती है। कवि ने अपनी कविता के माध्यम से लोक नृत्यों के महत्व, उनकी समृद्ध विरासत और वर्तमान समय…