सतनाम पर कविता
सत के रद्दा बताये गुरूसही मारग दिखाये।सहीं मारग बतायें गुरू जयतखाम ल गड़ाये।। चंदा सुरूज ल चिनहायेगुरु,जोड़ा खाम ल गड़ायेविजय पताका ल फहरायेसाहेब, सतनाम ल बताये।। तोरे चरनकुंड के महिमासाहेब, जन-जन ल बताये। सादा के धजा बबा,सादा तिलक तोर माथे में।सादा के लुगरा पहिरे हवयसफुरा दाई साथ में।। मैं घोंडइया देवव बाबा,मैं पईंया लागव तोर।मोर … Read more