बस कर भगवन / शिवराज सिंह चौहान
बस कर भगवन / शिवराज सिंह चौहान *लापरवाही इक बड़ी,* *बनकर आई काल।**पल में प्रलय हो गई,* *छीने बाल गोपाल।।* लाड प्यार तैयार कर, देकर बस्ता, भोज। दादा दादी मात पिता, करते टाटा रोज।।किसको क्या ये था पता, है आज कोई जंजाल … ड्राइवर ने था किया नशा, या थी गति … Read more