
हसदेव जंगल पर कविता
हसदेव जंगल पर कविता हसदेव जंगल उजार के रोगहा मन पाप कमा के मरही।बाहिर के मनखे लान केमोर छत्तीसगढ़ म भरही।। कभु सौत बेटा अपन नी होवय,सब झन अइसन कइथे।सौत भल फेर सौत बेटा नहीसौतिया डाह हर रइथे।। हसदेव जंगल…
हसदेव जंगल पर कविता हसदेव जंगल उजार के रोगहा मन पाप कमा के मरही।बाहिर के मनखे लान केमोर छत्तीसगढ़ म भरही।। कभु सौत बेटा अपन नी होवय,सब झन अइसन कइथे।सौत भल फेर सौत बेटा नहीसौतिया डाह हर रइथे।। हसदेव जंगल…