Tag: 13 नवम्बर विश्व करुणा दिवस पर कविता

13 नवम्बर विश्व करुणा दिवस || 13 November – World Compassion Day

  • विश्व करुणा दिवस पर विशेष शायरी

    समाज का श्रृंगार- राकेश सक्सेना

    विश्व करुणा दिवस पर विशेष
    राकेश सक्सेना, बून्दी, राजस्थान

    मत रो मां दुःखी ना हो,
    मैं तैरा अपना ही खून हूं।
    तेरे जिगर का टुकड़ा हूं,
    नहीं किसी का “कसूर” हूं।

    रो रो कर “अपराधी” सा,
    मत अपने को मान तू।
    कन्या जन्म दिया तूने,
    ईश्वर की कृपा जान तू।

    बहुत जागरूकता हो गई,
    थोड़ी अभी बाकी है।
    ममतामई मां का प्यार,
    परी अपने पापा की है।

    अहंकारी पुरुष समाज,
    बिन नारी जो अधूरा है।
    फिर क्यों नहीं मानता,
    बिन उसके वो जमूरा है।

    पत्नि तो सब को चाहिए,
    पर बेटी से कतराते हैं।
    बेटा होने पर खुशियां,
    बेटी पर मातम मनाते हैं।

    मां तेरे आंसू की कीमत,
    एक दिन जरूर चुकाऊंगी।
    समाज का श्रृंगार कन्या की,
    मां जब मैं भी बन जाऊंगी।।

    राकेश सक्सेना