प्रकृति से खिलवाड़ पर्यावरण असंतुलन- विभा श्रीवास्तव
प्रकृति से खिलवाड़ पर्यावरण असंतुलन किलकारियाँ, खिलखिलाहट, अठखेलियाँ हवा के संग ….हमे बहुत याद आता है।बादलो का गर्जना ,बिजलियों का कड़कना ,और इन्द्रधनुष के रंग….हमे भी डराता और हसाता है। तितलियों का उड़ना ,भौरो का गुनगुनाना ,ये सब …..तुम्हे भी तो भाता है।सब कुछ था,है ,पर…..रहेगा या नही ,ये नही पता…, बरसो से खड़े रहकर … Read more