विधाता छंद मय मुक्तक- फूल
विधाता छंद मय मुक्तक- फूल रखूँ किस पृष्ठ के अंदर,अमानत प्यार की सँभले।भरी है डायरी पूरी,सहे जज्बात के हमले।गुलाबी फूल सा दिल है,तुम्हारे प्यार में पागल।सहे ना फूल भी दिल भी,हकीकत हैं, नहीं जुमले।.सुखों की खोज में मैने,लिखे हैं गीत अफसाने।रचे हैं छंद भी सुंदर,भरोसे वक्त बहकाने।मिला इक फूल जीवन में,तुम्हारे हाथ से केवल।रखूँगा डायरी … Read more