यार तेरी कसम-गज़ल
यार तेरी कसम-गज़ल रूठ जाऊँ कभी तो मनाना मुझे।कर ये वादा कभी मत सताना मुझे।। गर कहीं भूल जाऊँ ये राहे वफ़ा,*यार तेरी कसम* मत भुलाना मुझे। जिंदगी की डगर में बड़ी मुश्किलें,थाम दामन मेरा तू चलाना मुझे। आदमी तो…
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर ० बोधन राम निषादराज’ के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
यार तेरी कसम-गज़ल रूठ जाऊँ कभी तो मनाना मुझे।कर ये वादा कभी मत सताना मुझे।। गर कहीं भूल जाऊँ ये राहे वफ़ा,*यार तेरी कसम* मत भुलाना मुझे। जिंदगी की डगर में बड़ी मुश्किलें,थाम दामन मेरा तू चलाना मुझे। आदमी तो…